डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही भीषण जंग के 8 महीने से ज्यादा दिन बीत गए हैं. कई इलाकों पर रूस ने कब्जा जमाया है तो कई इलाके यूक्रेन छुड़ा चुका है. रूसी सैनिक अब पीछे हट रहे हैं लेकिन मिसाइल हमले बढ़ गए हैं. दोनों देशों के बीच चल रही जंग में आम नागरिक मारे जा रहे हैं. अब तो पोलैंड भी रूसी हमले की जद में आ गया है. अगर पोलैंड इसे हमले की तरह लेता है तो रूस को नाटो (NATO) देशों का प्रकोप झेलने को मिल सकता है. यूरोप में बमबारी का एक नया दौर शुरू होने के आसार हैं.
पूर्वी पोलैंड में हुए मिसाइल हमले में 2 नागरिक मारे गए हैं. यूक्रेन की सीमा से करीब 15 मील दूर हुआ यह मिसाइल हमला अब साफ इशारा कर रहा है कि दुनिया विश्व युद्ध की ओर आगे बढ़ सकती है.
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क्या पोलैंड पर हमला बोल रहा है रूस?
पोलैंड पर हुए इस हमले की वजह अब तक साफ नहीं है. रूस ने जानबूझकर हमला किया है या नहीं इस पर अभी स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है. यह मिसाइल रूस या यूक्रेन किसकी तरफ से आ गिरा है, यह भी अभी तक साफ नहीं है. ऐसी स्थिति में पोलैंड कोई सख्त कदम उठाता नजर नहीं आ रहा है.
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पोलैंड के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह मिसाइल रूस में बनाई गई है. राष्ट्रपति एंड्रेज डूडा ने कहा है कि इसके कोई साक्ष्य नहीं हैं कि यह हमला किसने किया है. मिसाइल पर स्टडी जारी है.
एंड्रेज डूडा ने अभी तक आक्रामक बयान नहीं दिया है. ऐसा लग रहा है कि पोलैंड इस घटना को समान्यतौर पर ले रहा है. हालांकि यह देश अपने सैनिकों को तैयार कर रहा है, जिससे इस मुश्किल वक्त में किसी भी स्थिति से निपटा जा सके. अगर पोलैंड युद्ध में कूदता है तो नाटो के अन्य देश भी इस युद्ध में आएंगे और रूस बुरी तरह से अकेला पड़ जाएगा.
एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह मिसाइल हमला यूक्रेन की तरफ से रूसी मिसाइलों को जवाब देते वक्त किया गया है. यूक्रेन, पोलैंड का दोस्त है, ऐसे में अगर गलती से यह मिसाइल उसकी तरफ से दागी गई है तो दुनिया से एक बड़ा खतरा टल गया है.
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पोलैंड पर हमले का सीधा मतलब है विश्वयुद्ध
अगर यह हमला रूस ने किया होता और पौलेंड प्रतिकार करने की ठानता को विश्वयुद्ध छिड़ जाता. अब रूस को हर हाल में यह तय करना होगा कि पोलैंड की सीमा पर कोई भी हमला न होने पाए. अगर ऐसा होता है तो विश्वयुद्ध टलने से कोई नहीं रोक सकता. नाटो में कुल 30 देश शामिल हैं. अगर किसी भी देश पर कोई दूसरा देश हमला करता है तो ये सदस्य देश मिलकर आक्रमणकारी देश पर हमला बोल सकते हैं.
नाटो का अनुच्छेद 5 दो देशों के बीच चल रहे युद्ध को महायुद्ध बनाने की क्षमता रखता है. अनुच्छेद 5 के मुताबिक नाटो के सदस्यों के बीच एक समझौता है कि अगर एक या एक से ज्यादा देशों पर कोई अन्य देश सैन्य हमला करता है तो इसे यूरोप और उत्तरी अमेरिका के नाटो देशों पर संयुक्त हमला माना जाएगा. अनुच्छेद 5 तब लागू हुआ था जब अमेरिका पर हुए 9/11 हमले के बाद नाटो की फौज अफगानिस्तान में घुस गई थी.
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क्या विश्वयुद्ध चाहता है पोलैंड?
फिलहाल पोलैंड विश्वयुद्ध के पक्ष में नहीं है. वह मिसाइल हमले को गंभीर मानने के लिए तैयार नहीं है. पोलैंड का मानना है कि पोलैंड के राष्ट्रपति ने साफ कर दिया है कि मिसाइल अटैक के पीछे यूक्रेन जिम्मेदार हो सकता है. यूक्रेनी एयर डिफेंस की ओर से यह मिसाइल दागी गई होगी. यूक्रेन, रूसी हमलों के जवाब में फायरिंग कर रहा था. ऐसे में फिलहाल तो विश्वयुद्ध जैसे हालात नहीं बने हैं.
क्यों दुनिया को है डरने की जरूरत?
रूस-यूक्रेन युद्ध से दुनिया को डरने की जरूरत है. अगर गलती से ही ऐसे हमले पोलैंड पर रूस की ओर से होते रहे तो विश्वयुद्ध का छिड़ना तय है. रूस के खिलाफ यूरोप और अमेरिकी देश पहले से लामबंद हैं. वे महज एक मौका खोज रहे हैं कि रूस को कैसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाए. अगर रूस ने संयम नहीं बरता तो विश्वयुद्ध का छिड़ सकता है.ॉ
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