डीएनए हिंदी: रूस और तुर्की के प्रतिनिधि महीनों बाद तुर्की में बुधवार को मिले हैं. संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच ब्लैक सी (Black Sea) के आसपास गेहूं भेजने में जारी रुकावट (Grain Blockade) को दूर करने पर बातचीत चल रही है. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पूरी दुनिया में गेहूं निर्यात प्रभावित हुआ है. ब्लैक सी के ज़रिए गेहूं ट्रांसपोर्ट पर जारी रुकावट ने दुनिया भर में अनाज संकट को बढ़ा दिया है.
Ukraine यूरोप में खाद्यान्न का बड़ा निर्यातक
यूक्रेन को 'यूरोप का ब्रेडबास्केट ऑफ़ यूरोप' कहते हैं. पूरी दुनिया का 12 से 17 फीसदी गेहूं अकेले यूक्रेन निर्यात करता है. पूरे विश्व को होने वाली सूरजमुखी तेल की आधी सप्लाई अकेले यूक्रेन करता है. अविकसित देशों को मक्का और गेहूं की 25 मिलियन सप्लाई यूक्रेन करता है. इस वक्त युद्ध की वजह से यह आपूर्ति संकट में हैं और संकट से घिरे कम विकसित देशों के लिए यह और चिंताजनक हालात बना सकते हैं.
बता दें कि अमेरिका और पश्चिमी देश रूस पर मानवीय और खाद्यान्न संकट पैदा करने का आरोप लगा रहे हैं और इसे जल्द से जल्द खत्म करने की मांग कर रहे हैं. G-20 की बैठक में भी इस संकट पर चर्चा की गई थी और अनाज संकट की परिस्थितियों से निपटने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई थी.
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Black Sea पर रुकावट की वजह से अनाज संकट
यूक्रेन से गेंहू की आपूर्ति ब्लैक सी के जरिए ही होती है. यूक्रेन अपने 96% गेहूं की आपूर्ति के लिए ब्लैक सी वाले रास्ते पर ही निर्भर है. रूस के आक्रमण की वजह से यह रास्ता बंद पड़ा हुआ है. दुनिया में जारी अनाज संकट को खत्म करने के लिए जल्द से जल्द इस मार्ग का खुलना जरूरी है.
रूसी एजेंसी स्पूतनिक ने बताया कि गेंहू ट्रांसपोर्ट और ब्लैक सी के मुद्दे पर यूएन प्रतिनिधियों के साथ अच्छी बातचीत हुई है. किसी अहम फैसले पर प्रतिनिधि दल पहुंचता है तो इसकी जानकारी साझा की जाएगी. अनाज सप्लाई रुक जाने की वजह से अकेले ब्रिटेन में खाने-पीने की चीजों के दाम 47% तक बढ़ने का दावा किया जा रहा है.
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Russia पर पश्चिमी देश गेहूं चुराने का भी लगा रहे आरोप
पश्चिमी देशों का दावा है कि रूस न सिर्फ यूक्रेन को गेहूं सप्लाई करने से रोक रहा है बल्कि यूक्रेन के कई टन गेहूं अब तक रूस चोरी भी कर चुका है. यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू करने के बाद से रूस की रणनीति उसके बंदरगाहों और व्यापार और रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण ठिकानों और समुद्री तटों पर कब्जा जमाने की रही है.
(ANI से इनपुट)
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तुर्की में शुरू हुई रूस-यूक्रेन की बातचीत, कम होगा दुनिया में छाया अनाज संकट?