डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन के युद्ध (Russia Ukraine War) के बीच ही यूक्रेन के चार इलाकों में रूस ने जनमत संग्रह (Referendum) करवाया है. रूस का दावा है कि जनमत संग्रह में उसे जीत मिली है. इसका मतलब है कि यूक्रेन के चारों ही क्षेत्रों के लोगों ने रूस में शामिल होने के प्रस्ताव का समर्थन किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, रूस इस जनमत संग्रह का इस्तेमाल इन इलाकों को कब्जे में लेने के लिए कर सकता है. रूस ने यूक्रेन के दोनेत्स्क, लुहान्स्क, खेरसान और ज्यापोरिज्जिया में जनमत संग्रह करवाया है. इसमें लोगों से उनकी राय पूछी गई है कि वे यूक्रेन में रहना चाहते हैं या रूस में शामिल होना चाहते हैं.
इस जनमत संग्रह में रूसी शरणार्थियों ने भी हिस्सा लिया. क्रीमिया के शरणार्थियों ने भी इसमें वोट डाले. आपको बता दें कि ठीक इसी तरह के जनमत संग्रह के बाद रूस ने साल 2014 में क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था. अब रूस ने जिन इलाकों में जनमत संग्रह करवाया है वहां लगभग 40 लाख लोगों को वोट डालने का अधिकार दिया गया था. बताते चलें कि ये चारों इलाके मिलकर यूक्रेन के 15 प्रतिशत क्षेत्रफल के बराबर हैं.
यह भी पढ़ें- चीन में दर्दनाक हादसा, 17 लोगों की मौत, 3 घायल
जेलेंस्की ने कहा- इससे कुछ नहीं बदलेगा, हम लड़ते रहेंगे
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, मतदान की स्वतंत्र रूप से निगरानी नहीं की गई क्योंकि इस प्रक्रिया को कोई अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं थी. हालांकि, इन क्षेत्रों में तैनात रूसी अधिकारियों ने मतदान में भाग लेने वाले लोगों से लगभग पूर्ण समर्थन का दावा किया है. जनमत संग्रह का जवाब देते हुए, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस पर इलाके को हथियाने की कोशिश कर संयुक्त राष्ट्र के कानून का क्रूरता से उल्लंघन करने का आरोप लगाया.
यह भी पढ़ें- पाकिस्तान को तालिबान की फटकार, कहा - अफगानिस्तान के मामले से दूर रहें
राष्ट्र के नाम अपने रात के वीडियो संबोधन में, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मंगलवार को कहा, 'रूस की कोई भी आपराधिक कार्रवाई यूक्रेन के लिए कुछ भी नहीं बदलेगी. हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर को मान्यता देते हैं, हम लोगों के सह-अस्तित्व के बुनियादी सिद्धांतों को पहचानते हैं और हम इसमें कार्य करना जारी रखेंगे. यूक्रेन, यूरोप और दुनिया में सामान्य जीवन की रक्षा के लिए.' हम खेरासन, ज्यापोरिज्जिया, डोनबास, खार्कीव के वर्तमान कब्जे वाले क्षेत्रों में और क्रीमिया में अपने लोगों की रक्षा करने के लिए कार्य करते रहेंगे. कब्जे वाले क्षेत्र में इस तमाशे को जनमत संग्रह की नकल भी नहीं कहा जा सकता है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Russia का दावा- जनमत संग्रह में मिल गया है बहुमत, अब रूस के कब्जे में होंगे यूक्रेन के ये इलाके