डीएनए हिंदी: पूरा पाकिस्तान इन दिनों बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहा है. देश का एक-तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है. खाने-पीने से लेकर बिजली-पानी के संकट तक हर तरफ हाहाकार है. इस बीच एक खतरा और पैदा हो गया है. यह खतरा प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ा है. बारिश के इस कहर के बीच इस सभ्यता के दो मुख्य केंद्रों में से एक मोहनजोदड़ो की हिफाजत करना भी मुश्किल हो गया है.
कई सारे मजदूर इस आर्कियोलॉजिकल साइट से नालों की खुदाई करने में व्यस्त हैं. पाकिस्तानी मीडिया से आई खबरों के अनुसार मजदूर इन दिनों मोहनजोदड़ो के खनन स्थलों से पानी निकालने में लगे हुए हैं. साथ ही टीले को बचाकर रखने वाली दीवार को भी लगातार मजबूत किया जा रहा है. बता दें कि मोहनजोदड़ो की साइट पर एक मशहूर स्थल है मृतकों का टीला. इसे बारिश से बचाने के लिए तिरपाल से भी ढका गया था. अब इसके साथ लगी दीवार को मजबूत करने की कोशिश हो रही है.
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पहली बार 1992 में मिली थी खुदाई को मान्यता
सन् 1992 में पहली बार मोहनजोदड़ो की साइट पर की गई खुदाई को मान्यता दी गई थी. खुदाई के बाद सामने आया कि इसे टीले में 2500-1700 ईसा पूर्व के बीच सिंधु नदी के तट पर बसने वाली एक महान सभ्यता के अवशेष दबे पड़े थे. अब सिंधु नदी में आई बाढ़ ने ही पूरे पाकिस्तान में तबाही मचाई हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पूरे सिंध प्रांत में स्थित विभिन्न किले, मकबरे और विरासत स्थल अब बाढ़ के पानी के कारण ढहने की कगार पर हैं.
खतरे में है 5000 साल पुरानी साइट
5000 साल पुरानी इस साइट की देखरेख करने वाले क्यूरेटर ने संस्कृति और पुरातत्व विभाग के निदेशक को खत लिखकर इस बात पर चिंता जताई है. उन्होंने लिखा मैंने मौजूदा संसाधनों के साथ साइट को सुरक्षित रखने की कोशिश कर ली है, अब कृषि, सड़क और वन विभाग को भी इसमें सहयोग करने की जरूरत है. फिलहाल इस साइट पर भरा पानी निकालने की कोशिशें जारी हैं.
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बाढ़ से बेहाल पाकिस्तान, अब 5,000 साल पुरानी मोहनजोदड़ो सभ्यता पर भी मंडराया तबाही का संकट