डीएनए हिंदी: पुर्तगाली कैथोलिक चर्च में 4,000 से ज्यादा बच्चे यौन शोषण का शिकार हुए हैं. 70 साल से अब तक बच्चों के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न की घटनाएं थमी नहीं. यौन उत्पीड़न की जांच करने वाले आयोग ने कहा है कि जांच के निष्कर्ष महज केवल कुछ हिस्सों को उजागर करते हैं, घटनाएं इससे ज्यादा हैं.
बाल मनोचिकित्सक पेड्रो स्ट्रेच्ट के नेतृत्व ने में आयोग ने जांच रिपोर्ट तैयार की है. उन्होंने रॉयटर्स के साथ बातचीत में कहा कि हम उन लोगों के प्रति संवेदना जताते हैं, जिन्होंने अपने बचपन के दौरान दुर्व्यवहार के शिकार थे. उन्होंने चुप्पी को आवाज देने की हिम्मत की. बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाओं के मौजूदा आंकड़ों से कहीं ज्यादा लोग यौन दुर्व्यवहार का शिकार हो चुके हैं.
कौन थे चर्च के गुनहगार?
चर्च के गुनहगार वही थे, जिन्हें कहा जाता है कि वे ईश्वर के करीब हैं. उनकी प्रार्थनाएं ईश्वर सुनते हैं. ज्यादातर नाबालिग लड़कों का ही यौन उत्पीड़न हुआ है. पेडो स्ट्रेच्ट ने कहा कि कैथोलिक स्कूलों, चर्चों, पुजारियों के घरों और दूसरी जगहों पर उनके साथ यौन उत्पीड़न हुआ है. ईश्वर के घर में हुई यह दरिंदगी दुनिया जानकर हैरान है.
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किस उम्र में हुआ बच्चों का उत्पीड़न?
पादरियों ने बच्चों का उत्पीड़न 10 से 14 साल की उम्र में किया है. एक दो साल के बच्चे को भी हैवानों ने अपनी हवस का शिकार बना दिया. पुर्तगाली कैथोलिक चर्च में हुई इन घटनाओं ने दुनियाभर का ध्यान खींचा था. चर्च के बिशप पर भी यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. आयोग का कहना है कि अभी आरोपियों की सूची तैयार की जा रही है.
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आयोग के सामने कुल 25 गवाह पेश हुए थे. सरकारी वकीलों ने उनसे पूछताछ की. कई मामले 20 साल पहले के हैं, जिन पर सुनवाई तो हो सकती है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकती है. उनके साथ हुई दरिंदगी सिर्फ लोग सुन सकते हैं लेकिन उन्हें न्याय नहीं दिलाया जा सकता है.
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क्या है यौन उत्पीड़न की जांच के लिए बने आयोग की मांग?
चर्च में हुए यौन उत्पीड़न की जांच के लिए बनाए गए आयोग ने कहा है कि कानूनों में बदलाव होना चाहिए. अगर बदलाव नहीं हुए तो कई पीड़ितों को न्याय नहीं मिलेगा. 30 साल पहले हुए ऐतिहासिक अपराधों के लिए कानूनी कार्रवाई तभी शुरू होगी, जब कानूनों में बदलाव किया जाए. तभी पीड़ितों को इंसाफ मिलेगा.
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चर्च में भगवान के सामने होती काली करतूतें: 70 साल में 4000 बच्चों को बनाया गया हैवानियत का शिकार