डीएनए हिंदी: आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के तेवर कम कर दिए हैं. उन्होंने अब भारत से बातचीत के लिए हाथ बढ़ाया है. शहबाज शरीफ ने कहा कि क्षेत्रीय विकास को आगे बढ़ाने की कोशिशों के तहत वह भारत से बाचचीत करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है और वह पड़ोसी मुल्क से बात करने के तैयार है. शरीफ ने कहा कि बीते 75 साल में हमने तीन बड़े युद्ध लड़े, इसमें सिर्फ गरीबी, बेरोजगारी और संसाधनों की कमी को ही देखी. युद्ध से किसी का भला नहीं हुआ.
शहबाज शरीफ ने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान किसी के खिलाफ कुछ दिल में नहीं रखता. पाकिस्तान मीडिया के अनुसार, शरीफ दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के खत्म कर मूल्यवान रिश्तों को तरजीह देना चाहते हैं. PAK पीएम ने कहा कि 1947 के बाद से हमने भारत के साथ तीन युद्ध लड़े हैं. इसके परिणामस्वारूप मुल्क को सिर्फ गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा और खराब स्वास्थ्य व्यवस्था ही हाथ लगी है.
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'युद्ध अब विकल्प नहीं'
वहीं, परमाणु हथियारों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान परमाणु संपन्न देश है. वह किसी पर हमला करने के लिए नहीं है बल्कि खुद की रक्षा के लिए है. उन्होंने कहा कि खुदा ऐसी स्थिति कभी पैदा न करे कि परमाणु युद्ध जैसे हालत बने. अगर ऐसा हुआ तो कोई भी यह बताने के लिए जिंदा नहीं बचेगा कि उस दौरान क्या हुआ था. युद्ध अब विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें विवादों को खत्म कर आगे बढ़ना चाहिए.
हम गंभीर मुद्दों पर बात करने के लिए तैयार
बता दें कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मंगलवार को खनिज शिखर सम्मेलन के उद्घाटन में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम किसी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, यहां तक की अपने पड़ोसी देश (भारत) के साथ भी. मगर शर्त यह है कि पड़ोसी मुल्क मेज पर सिर्फ गंभीर मुद्दों के लेकर बात करे कोई बेबुनियाद आरोप नहीं. क्योंकि अब युद्ध कोई विकल्प नहीं है.
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महंगाई की मार ने शहबाज को बनाया 'शरीफ', भारत से बातचीत को तैयार