बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से अब तक कई बड़े बदलाव हो चुके हैं. मोहम्मद यूनुस की सरकार लगातार अपना झुकाव पाकिस्तान (Pakistan Bangladesh Relation) और चीन की तरफ दिखाते रहे हैं. देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के उत्पीड़न की कई घटनाएं हो रही हैं. इस्लाबामाद से अपनी निकटता बढ़ाने के लिए बांग्लादेश की नई सरकार एक के बाद एक अहम फैसले ले रही है. अब 12 साल बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ढाका का दौरा करने वाले हैं. भारत पहले ही पाकिस्तान और चीन की चुनौतियों से निपटने की कोशिश कर रहा है और ऐसे में बांग्लादेश नई टेंशन देते नजर आ रहा है.
पाकिस्तान के साथ गाढ़ी हो रही बांग्लादेश की दोस्ती
बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने हमेशा द्विपक्षीय संबंधों में भारत को तरजीह दी है. अब नई सरकार पाकिस्तान के साथ अपने संबंध घनिष्ठ करने में जुटी है. हाल ही में पाकिस्तान का मालवाहक जहाज सीधा चटगांव पहुंचा है. दोनों देशों ने इसे द्विपक्षीय व्यापार के लिए अहम शुरुआत बताया है. जल्द ही दोनों देशों के बीच सीधी फ्लाइट सर्विस भी शुरू होने वाली है. इसके अलावा, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि फरवरी में उनके मलेशिया से लौटने के बाद ढाका दौरा प्रस्तावित है. आखिरी बार साल 2012 में तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर ने बांग्लादेश का दौरा किया था.
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भारत के लिए बढ़ सकती है टेंशन
सीमा पर भारत के सामने पहले से ही पाकिस्तान और चीन की चुनौती है. चीन की साम्राज्यवादी नीयत दुनिया से छुपी नहीं है. पाकिस्तान की जमीन पर भारत विरोधी गतिविधियों को समर्थन मिलता रहा है. ऐसे हालात में बांग्लादेश की बीजिंग और ढाका से बढ़ रही नजदीकियां भारत की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं. पिछले महीने ही इंटेलीजेंस इनपुट में खुलासा हुआ है कि बांग्लादेश के कुछ कट्टरपंथी संगठन भारत के खिलाफ साजिश करने में जुटे हैं.
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12 साल बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री का ढाका दौरा, दोनों पड़ोसी देश देंगे भारत को टेंशन?