डीएनए हिंदी: विश्व योग दिवस पर मालदीव के माले स्थित इंडियन कल्चरल सेंटर में कट्टरपंथी हमले के बाद वहां की सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने माना है कि 38 लोग आतंकवाद समेत दूसरे गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल थे. उन्होंने पूरे आयोजन को बाधित करने की कोशिश की और अधिकारियों को निशाना बनाया.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि भारत के साथ अच्छे संबंध रखने वाले हिंद महासागर द्वीपसमूह के अभियोजक जनरल 2 अक्टूबर को क्रिमिनल कोर्ट को चार्जशीट सौंपी है. कुछ आरोप ऐसे हैं जिनमें 25 साल तक की जेल हो सकती है.
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घटना के तत्काल बाद मालदीव के अधिकारियों ने आशंका जाहिर की थी कि इसमें पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के नेतृत्व वाले विपक्षी दल का हाथ हो सकता है. अभियोजक जनरल अपने आरोप में यह नहीं कहा है कि 38 लोग किसी राजनीतिक दल से संबंधित हैं या नहीं.
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विश्व योग दिवस पर क्या हुआ था?
21 जून को, मालदीव के युवा और खेल मंत्रालय और भारतीय सांस्कृतिक केंद्र ने योग दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कराया था. जैसे ही आयोजन स्थल पर भीड़ जुटी, एक उग्र भीड़ ने गालोलु नेशनल स्टेडियम में धावा बोल दिया. इस कार्यक्रम में तत्कालीन इंडियन एंबेसडर मुनु महावर और दूसरे कई राजनयिक शामिल होने वाले थे.
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भीड़ में शामिल लोगों इस्लामिक झंडे लेकर आए थे. उन्होंने योग कर रहे लोगों के साथ मारपीट की और स्टेडिम की संपत्तियों को नुकसान पहुंचा. थोड़ी देर बाद पुलिस पहुंची और उपद्रवियों को भगाकर कार्यक्रम को दोबारा शुरू किया. अब सरकार ने 8 लोगों को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत केस दर्ज किया है. अगर आरोपी, दोषी साबित होते हैं तो उन्हें 20 से 25 साल की जेल की कैद हो सकती है.
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मालदीव: योग दिवस पर हुआ था हंगामा, अब आरोपियों के खिलाफ चलेगा आतंकवाद के तहत केस