सोचिए कि प्लेन में बैठकर आप 'आज मैं ऊपर, आसमां नीचे...' गुनगुना रहे हों, तभी पता चले कि प्लेन तो पायलट चला ही नहीं रहा. कुछ ऐसा ही हुआ जर्मनी के फ्रैंकफर्ट से स्पेन के सेविल जा रहे 200 यात्रियों के साथ. घटना 17 फरवरी, 2024 की है लेकिन अब सामने आई है. जर्मनी की न्यूज़ एजेंसी DPA में छपी जानकारी के मुताबिक, लुफ्तहंसा का एक यात्री विमान लगभग 10 मिनट के बिना पायलट के उड़ता रहा.
क्या हुआ था प्लेन में?
आमतौर पर किसी भी कमर्शियल प्लेन में दो पायलट होते हैं. एक कैप्टन और दूसरा को-पायलट. इस प्लेन में भी दो पायलट थे. पर हुआ यूं कि कैप्टन को वॉशरूम जाना पड़ गया. इस दौरान फ्लाइट के को-पायलट को प्लेन को संभालना था. लेकिन वो बेहोश हो गया. इसके बाद 10 मिनट तक प्लेन बिना पायलट के उड़ता रहा. इस दौरान प्लेन का ऑटोपायलट मोड एक्टिव था, जिसकी वजह से प्लेन स्थिर गति से उड़ता रहा. घटना के वक्त प्लेन में 199 यात्री और 6 क्रू मेंबर सवार थे.
ऐसे पता चली हेल्थ इमरजेंसी
कॉकपिट में को-पायलट के अकेले होने के दौरान वॉइस रिकॉर्डर में अजीब आवाज़ें रिकॉर्ड हुई थीं. जिनसे हेल्थ इमरजेंसी का पता चल रहा था. आपको बता दें कि कई विमानों के कॉकपिट में बाहर से एंट्री करना संभव नहीं होता है. अंदर मौजूद पायलट कॉकपिट का दरवाज़ा खोलते हैं तो ही वहां एंट्री की जा सकती है. जब कैप्टन वॉशरूम से फारिग हुए तो उन्होंने कॉकपिट के दरवाज़े पर एंट्री कोड प्रेस किया, इस एंट्रीकोड के बाद कॉकपिट में एक घंटी बजती है. जिसके बाद अंदर बैठा पायलट कॉकपिट का दरवाज़ा खोलता है. लेकिन घटना वाले दिन को-पायलट ने दरवाज़ा नहीं खोला. कैप्टन ने पांच बार एंट्री कोड दबाया, पांच बार घंटी बजने के बाद भी जब दरवाज़ा नहीं खुला.
अनहोनी की आशंका को देखते हुए कैप्टन ने एमर्जेंसी कोड टाइप किया जिसकी मदद से वो खुद से एंट्री ले सकते थे. तभी, को-पायलट ने दरवाज़ा खोल दिया. कोपायलट की तबीयत ज्यादा खराब थी. कैप्टन ने मैड्रिड में इमरजेंसी लैंडिंग की, जहां को-पायलट को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
इस संबंध में स्पेन की एक्सीडेंट इनवेस्टिगेशन अथॉरिटी CIAIAC ने जांच के बाद रिपोर्ट जारी की है. वहीं, लुफ्तहंसा ने भी मीडिया को जानकारी दी कि कंपनी के फ्लाइट सेफ्टी डिपार्टमेंट ने भी इस घटना की जांच की थी.
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200 यात्री थे सवार, 10 मिनट तक बिना पायलट के उड़ता रहा प्लेन, ऐसे टला हादसा