डीएनए हिंदी: यूक्रेनी सेना के सामने रूसी सेना के नहीं टिक पाने की चर्चा पूरी दुनिया में चल रही है. हालांकि रूस इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है कि उसे यूक्रेन युद्ध में हार मिल रही है, लेकिन अब एक नए फैसले ने यह चर्चा दोबारा शुरू कर दी है. रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू (Russian defence minister Sergei Shoigu) ने अपनी सेना को निप्रो नदी (Dnieper River) का पश्चिमी किनारा छोड़कर पीछे हटने का आदेश दिया है. यूक्रेन के दक्षिणी शहर खेरसॉन (Kherson City) के करीब मौजूद सेना को यह आदेश यूक्रेनी हमलों में तेजी आने के मद्देनजर दिया गया है. शोइगू की इस घोषणा को फरवरी में युद्ध शुरू करने के बाद रूस की तरफ से सबसे अहम रिट्रीट माना जा रहा है.
रूसी मीडिया के मुताबिक, रूसी सेना के पीछे हटने की खबर खेरसॉन के डिप्टी लीडर किरिल स्ट्रेमोसोव की एक कार एक्सीडेंट में मौत के तत्काल बाद आई है. छह दिन पहले ही किरिल ने रूसी सेना के नदी पार कर पूर्वी तट पर जाने के संकेत दिए थे.
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खेरसॉन शहर में सप्लाई करने में मिल रही नाकामी
युद्ध में रूसी सेना का कमांड संभाल रहे जनरल सर्गेई सुरोविकीन (General Sergei Surovikin) ने टेलीविजन पर एक कमेंट में इस कदम की पुष्टि की है. सुरवोकीन ने कहा, खेरसॉन शहर में सप्लाई पहुंचाना अब ज्यादा समय तक संभव नहीं है. इस कारण मैंने निप्रो नदी के पूर्वी किनारे पर डिफेंसिव लाइन मजबूत करने का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा, हम अपने जवानों की जिंदगी और हमारी यूनिटों की युद्ध क्षमता बचाएंगे. उन्हें पश्चिमी किनारे पर तैनात रखना निरर्थक है. उनमें से कुछ का उपयोग दूसरे मोर्चों पर भी किया जा सकता है.
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यूक्रेन के खेरसॉन की तरफ बढ़ने की हैं खबरें
रूसी सेना के खेरसॉन शहर छोड़ने की खबर यूक्रेनी सेना के खेरसॉन शहर की तरफ सफलतापूर्वक बढ़ने और रूस की तरफ से शहर को नागरिकों से खाली कराने की कवायद के दौरान आई है. बता दें कि खेरसॉन किसी यूक्रेनी राज्य की इकलौती रीजनल कैपिटल थी, जिस पर मॉस्को फरवरी में यूक्रेन के खिलाफ हमला शुरू करने के बाद कब्जा करने में सफल रहा है.
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रूसी वॉर ब्लॉगर ने बताया इसे इतिहास का काला पन्ना
रूस के एक प्रभावी वॉर ब्लॉगर ने मॉस्को के खेरसॉन शहर छोड़ने के निर्णय की आलोचना की है. वॉर गोन्जो ब्लॉग (War Gonzo Blog) में लिखा गया कि हम यह शहर छोड़ देंगे, चाहे इसके बारे में लिखना कितना भी दर्दनाक क्यों ना हो. टेलिग्राम पर इस वॉर ब्लॉग के 13 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. सामान्य शब्दों में कहूं तो खेरसॉन खाली हाथों से नहीं कब्जे में रखा जा सकता. हां, यह रूसी सेना और रूसी शासन के इतिहास में एक काला पन्ना है. एक दुखद पन्ना.
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Ukraine War हारने लगा है रूस! अपनी सेना को दिए यूक्रेनी शहर खेरसॉन छोड़ने के आदेश