डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुरुवार को भारतीय समय के हिसाब से देर शाम उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) की राजधानी समरकंद (Samarkand) पहुंच गए, जहां वे शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन (Vladimir Putin) से द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे. दोनों नेता समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) के दो दिवसीय सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे हैं. आइए 8 पॉइंट्स में जानते हैं कि अगले दो दिन में क्या होगा...
1. दो साल बाद पहली बार आमने-सामने मिलेंगे SCO देश
SCO के सदस्य देशों के राष्ट्रप्रमुखों की 22वीं मीटिंग गुरुवार (भारतीय समयानुसार गुरुवार की देर रात) को शुरू होगी, जिसमें चीन, पाकिस्तान, ईरान आदि देशों के राष्ट्रप्रमुख भी शामिल हो रहे हैं. कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी शुरू होने के बाद दो साल में यह पहला मौका है, जब SCO देशों के राष्ट्रप्रमुख इस संगठन की बैठक में वर्चुअल नहीं बल्कि आमने-सामने बैठकर हिस्सेदारी करेंगे.
Prime Minister Narendra Modi arrives in Samarkand, Uzbekistan.
— ANI (@ANI) September 15, 2022
He will attend the 22nd Meeting of the Council of Heads of State of the Shanghai Cooperation Organization (SCO) here. pic.twitter.com/WxAOrcFX6I
2. रीजनल से ग्लोबल तक होगा सम्मेलन का एजेंडा
सम्मेलन के दौरान रीजनल मुद्दों से लेकर ग्लोबल सब्जेक्ट्स पर आपस में बात की जाएगी. ये वे मुद्दे होंगे, जिस पर SCO के सदस्य 8 देशों की साझा चिंताएं हैं. इस दौरान व्यापार और भौगोलिक राजनीति भी प्रमुख मुद्दा रहेगी, जबकि भारत की तरफ से सीमापार आतंक का मुद्दा फिर से उठाए जाने की उम्मीद है.
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3. भारत-रूस के बीच कई मुद्दों पर होगी बात
भारत और रूस के बीच SCO बैठक से इतर द्विपक्षीय वार्ता में कई मुद्दों पर बातचीत होगी. इसका संकेत रूस की आधिकारिक न्यूज एजेंसी TASS ने राष्ट्रपति पुतिन के करीबी यूरी ऊषाकोव (Yuri Ushakov) के हवाले से दिया है. यूरी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के साथ इंटरनेशनल एजेंडे पर बात होगी. साथ ही एशिया पैसेफिक रीजन के हालात, रणनीतिक स्थिरता पर भी दोनों नेता आपस में बात करेंगे.
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4. पुतिन से वार्ता भारत के लिए ऐसे अहम
व्लादीमिर पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी की आपसी मुलाकात भारत के लिए बेहद अहम है, क्योंकि इंटरनेशनल मंचों पर कई जगह भारत को जल्द ही रूस के समर्थन की जरूरत होगी. यूरी ऊषाकोव ने भी इसका इशारा किया. उन्होंने मीडिया से कहा, दोनों नेताओं की बातचीत में निश्चित तौर पर UN, G20 व SCO जैसे अहम संगठनों में आपसी सहयोग का मुद्दा भी शामिल रहेगा. यह खासतौर पर अहम है, क्योंकि भारत दिसंबर में UNSC (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) का अध्यक्ष बनेगा, जबकि साल 2023 में भारत SCO के नेतृत्व करेगा और G20 में चेयरमैन की भूमिका निभाएगा.
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5. जुलाई में भी हो चुकी है पुतिन-मोदी की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच इससे पहले जुलाई में भी बातचीत हो चुकी है. इस दौरान पुतिन के दिसंबर, 2021 में भारत दौरे के दौरान हुए निर्णयों को लागू करने की प्रक्रिया जांची गई. इससे पहले रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद 24 फरवरी को भी दोनों नेताओं ने फोन पर बात की थी.
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6. शी जिनपिंग और शरीफ से मुलाकात पर अब भी सस्पेंस
माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी की समरकंद में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) से भी मुलाकात हो सकती है. दोनों देशों के बीच पिछले सप्ताह के आखिर में लद्दाख के गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स इलाके से सेना पीछे हटाने की प्रक्रिया को शुरू करना भी इसी मुलाकात का वातावरण बनाने का संकेत माना गया था. हालांकि अभी तक दोनों नेताओं की मुलाकात का कोई कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है.
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इसी तरह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) से भी प्रधानमंत्री मोदी का मिलना तय नहीं है. भारतीय सूत्रों का कहना है कि शरीफ पाकिस्तान को संकट से उबारने में मोदी से मदद मांगना चाहते थे, लेकिन पीएम मोदी ने मुलाकात में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है.
7. ईरान के SCO में शामिल होने पर भी नजर
इस बार की SCO बैठक इसलिए भी अहम मानी जा रही है, क्योंकि इसमें ईरान (Iran) को इस संगठन के 9वें सदस्य के तौर पर शामिल करने की प्रक्रिया पूरी हो सकती है. अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण अलग-थलग पड़े ईरान के लिए यह जितना अहम होगा, उतना ही यह भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है. दरअसल ईरान के चाबहार बंदरगाह को SCO देशों के लिए व्यापार का अहम पॉइंट बनाने पर चर्चा हो सकती है. इस बंदरगाह में भारत की भी बहुत बड़ी हिस्सेदारी है. इसके अलावा ईरान भारत के लिए एक बेहद अहम तेल सप्लायर रहा है, लेकिन प्रतिबंधों के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार में कमी आई है. ईरान के SCO में आने से यह संबंध दोबारा जाग्रत हो सकता है.
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8. ऐसा है SCO का मौजूदा स्वरूप
SCO में फिलहाल 8 देश शामिल हैं, जिनमें चीन, रूस, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और पाकिस्तान शामिल हैं. ईरान इस संगठन का 9वां स्थायी सदस्य बनेगा. इस संगठन को एशिया का सिक्योरिटी व इकोनॉमिक ब्लॉक कहा जाता है.
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