डीएनए हिंदी: लुफ्तांसा (Lufthansa) एयरलाइंस की लापरवाही के चलते 380 भारतीय यात्री 26 घंटे से भी ज्यादा समय से तुर्किए (तुर्की) के इस्तांबुल (Istanbul) शहर में फंसे हुए हैं. इन यात्रियों को एयरलाइंस ने होटल तो दूर की बात खाना-पानी भी उपलब्ध नहीं कराया है, जिसके चलते कई लोगों की हालत बेहद खराब हो गई है. ये यात्री जर्मनी के फ्रेंकफर्ट (frankfurt) शहर से बेंगलूरु (Bengaluru) आ रही फ्लाइट में सवार थे, जिसे ऑनबोर्ड मेडिकल इमरजेंसी के चलते एयरलाइंस ने इस्तांबुल डाइवर्ट कर दिया था. भूख-प्यास से तड़प रहे यात्रियों में मशहूर बिलबोर्ड म्यूजिशियन रिकी केज (Ricky Kej) भी शामिल हैं, जो दो बार के ग्रैमी अवॉर्ड विनर (Grammy Award Winner) हैं और संयुक्त राष्ट्र (United Nation) की कई संस्थाओं के ब्रांड एंबेस्डर भी हैं. देर रात एक यात्री ने ट्वीट किया कि उन लोगों को बृहस्पतिवार सुबह 4.15 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 6.45 बजे) फ्लाइट रवाना होने की जानकारी दी गई है.
#Lufthansa की फ्रैंकफर्ट से बंगलौर आने वाली फ्लाइट को ऑनबोर्ड मेडिकल इमरजेंसी के चलते इस्तानबुल में डाइवर्ट किया गया. यात्रियों का आरोप है कि वो 20 घंटे से फसे हुए हैं, एयरलाइन ने कोई सुविधा नहीं दी है#Flights #Emergency pic.twitter.com/iBDeF90Qr8
— DNA Hindi (@DnaHindi) October 19, 2022
मंगलवार शाम 7 बजे इस्तांबुल में की थी लैंडिंग
फ्रेंकफर्ट से उड़ान भरने के बाद लुफ्तांसा एयरलाइंस का विमान भारत आ रहा था. इसी दौरान एक यात्री की तबीयत खराब होने के बाद मेडिकल इमरजेंसी के चलते विमान को तुर्किए के लिए डाइवर्ट कर दिया गया. रिकी केज की तरफ से किए गए ट्वीट के मुताबिक, विमान ने इस्तांबुल के स्थानीय समय के हिसाब से शाम 7 बजे (भारतीय समय के हिसाब से रात 9.30 बजे) वहां के एयरपोर्ट पर लैंड किया.
Can't believe how @lufthansa takes Indian customers for granted. My Frnkfurt-Blore flight landed last evening 7pm in Istanbul for medical emergency. 17 hours later - no hotel, no staff, no explanation, 300 passengers stranded, no info whatsoever. @AmbAckermann @GermanCG_BLR
— Ricky Kej (@rickykej) October 19, 2022
केज का आरोप है कि इसके बाद एयरलाइंस स्टाफ करीब 300 यात्रियों को एयरपोर्ट पर ही छोड़कर गायब हो गया. ना तो यात्रियों को होटल मुहैया कराया गया और ना ही उन्हें अन्य सुविधाओं दी गईं. कई अन्य यात्रियों ने भी ट्विटर पर इसे लेकर नाराजगी जताई है. कई यात्रियों के रिश्तेदारों ने उनके भूखे-प्यासे फंसे होने की जानकारी ट्वीट की है. साथ ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर व DGCA इंडिया को टैग करते हुए कुछ करने की गुहार लगाई है.
24 hours now, stranded at Istanbul airport. Our airline @lufthansa has zero staff here, still no hotel rooms, and absolutely no information as to when we will take off. I reiterate, I believe @lufthansa is treating us this shabbily, only because it is the Indian sector.
— Ricky Kej (@rickykej) October 19, 2022
केज ने कहा- यह भारतीय विमान है, इसलिए ऐसा किया
रिकी केज ने करीब 22 घंटे बाद एक और ट्वीट करते हुए दोबारा लुफ्तांसा एयरलाइंस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, इस्तांबुल एयरपोर्ट पर फंसे हुए 22 घंटे हो चुके हैं. ना होटल मिला है और ना ही लुफ्तांसा की तरफ से कोई उचित जानकारी दी जा रही है. यदि यह भारत के बजाय किसी अन्य सेक्टर की उड़ान होती तो लुफ्तांसा यात्रियों के साथ कभी ऐसा नहीं करती.
18:30 CET Update : @igairport employees have left the gate and left us stranded with no more information. @lufthansa employees nowhere to be seen. Now we are stranded without water, food or information#LH754@CGI_Istanbul @MEAIndia @DGCAIndia @PMOIndia @eoiberlin @CGIFrankfurt pic.twitter.com/6M9PwAekEb
— Lochan Appannah (@LuzingMyMind) October 19, 2022
यात्रियों का आरोप- 8 बजे उड़ने को कहा था अब तक सब गायब
कई यात्रियों ने ट्वीट में आरोप लगाया है कि लुफ्तांसा एयरलाइंस ने करीब 25 घंटे तक एयरपोर्ट पर फंसे रहने के बाद बुधवार रात 8 बजे (भारतीय समयानुसार रात 10.30 बजे) उड़ान भरने की जानकारी दी, लेकिन 7.35 बजे तक भी एयरपोर्ट पर फ्लाइट क्रू का कोई मेंबर दिखाई नहीं दे रहा है.
Proof of #LH754 apparently boarding when the Lufthansa staff were asking us to go out of the lounge and threatening police action if not. pic.twitter.com/X1bqSuAE4d
— Lochan Appannah (@LuzingMyMind) October 19, 2022
380 यात्रियों के लिए दिए हैं 100 कमरे, 33 घंटे बाद उड़ान शेड्यूल
देर रात एक यात्री ने एयरपोर्ट का फ्लाइट चार्ट ट्वीट करते हुए बताया कि स्थानीय समय के हिसाब से बृहस्पतिवार सुबह 4.15 बजे फ्लाइट उड़ान के लिए शेड्यूल की गई है. इस हिसाब से यात्रियों को उड़ान भरने के समय तक एयरपोर्ट पर करीब 33 घंटे 15 मिनट हो चुके होंगे. लोचन अपानाह नाम के उस यात्री ने यह भी आरोप लगाया कि लुफ्तांसा ने भारतीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद यात्रियों को होटल के कमरे दिए हैं, लेकिन 380 यात्रियों के लिए महज 100 कमरे ही उपलब्ध कराए गए हैं.
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26 घंटे से इस्तांबुल में भूखे-प्यासे तड़प रहे 380 भारतीय, 2 बार का ग्रैमी अवॉर्ड विनर भी शामिल