डीएनए हिंदी: ईरान में 23 साल की युवती महसा अमीनी (Mahsa Amini) की मौत के बाद शुरू हुआ हिंसक विरोध और तेज हो गया है. हिजाब विरोधी प्रदर्शन (Iran Hijab Protest) कम से कम एक दर्जन ईरानी शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हिंसक संघर्ष चल रहा है.
AFP के मुताबिक, इस हिंसा में ईरान की मोरल पुलिस (धर्माचार पुलिस) की फायरिंग के चलते अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि AP के मुताबिक, बुधवार रात तक मरने वालों की संख्या करीब 9 थी, जिसे ईरान के सरकारी टेलीविजन ने बृहस्पतिवार को हुए हिंसक सघर्ष के बाद बढ़कर करीब 17 हो जाने का दावा किया है. पुलिस ने करीब 1,500 लोगों को हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ के विरोध में गिरफ्तार किया है.
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हालिया सालों में ईरान की सबसे खराब स्थिति
भाषा ने AP के हवाले से जारी रिपोर्ट में इसे हालिया सालों में ईरान (IRAN) की सबसे खराब स्थिति बताया है. हालात के और ज्यादा खराब होने की संभावना है, क्योंकि सामाजिक दमन और देश में बढ़ते संकटों से नाराज प्रदर्शनकारियों कम से कम एक दर्जन शहरों में सुरक्षा बलों के सामने डटे हुए हैं.
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इंटरनेट बंद, सोशल मीडिया पर रोक
रिपोर्ट में कहा गया है कि राजधानी तेहरान में इंटरनेट को बंद कर दिया गया है, जबकि सरकार ने इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर रोक लगा दी है. यह कदम सरकार की तरफ से की जा रही कठोर कार्रवाई की जानकारी अन्य लोगों तक पहुंचने से रोकने के लिए उठाया गया है. सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सरकार बाहरी दुनिया तक हिंसा की खबरें पहुंचने से रोकना चाहती है. ईरान की सरकार अशांति के समय हमेशा इस तरह के कदम उठाती है.
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महिलाओं ने काट दिए थे बाल, जला दिए थे हिजाब
अमीनी की मौत से नाराज होकर ईरान में बहुत सारी नामी महिलाओं ने विरोध जताया है. इन महिलाओं ने अपने बाल काट दिए, जबकि हिजाब जला दिए थे. इसके वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किए गए थे.
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यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र भी कर चुके हैं निंदा
ईरान पुलिस ने 13 सितंबर को महसा अमीनी को हिजाब नहीं पहनने के लिए गिरफ्तार किया था. तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स में उसकी मौत सिर पर चोट लगने के कारण होने का दावा किया गया था. हालांकि ईरानी पुलिस का कहना है कि अमीनी के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया और उसकी मौत दिल के दौरे से हुई थी. लेकिन अमीनी के परिवार ने इस दावे पर संदेह जताया था.
अमीनी की मौत को लेकर अमेरिका, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र भी ईरान की कड़ी निंदा कर चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र से जुड़े स्वतंत्र विशेषज्ञों ने बृहस्पतिवार को कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है मॉरल पुलिस ने उसे सबूत पेश करने का मौका दिए बिना ही बुरी तरह पीटा था. उन्होंने दोषियों को जिम्मेदार ठहराने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग की है.
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Iran Hijab Protest: अब तक 31 प्रदर्शनकारियों की मौत, बढ़ रहा हिंसक संघर्ष