डीएनए हिंदी: रिपब्लिक ऑफ कांगो (Republican Congo) में UN ऑफिस कॉम्पलेक्स पर सोमवार को हुए विद्रोहियों के हमले में घायल दो भारतीय जवान शहीद हो गए हैं. इस हमले के दौरान सैकड़ों विद्रोहियों ने कॉम्पलेक्स में घुसकर बेहद तोड़फोड़ की थी और भारतीय शांति सेना के बेस कैंप में घुसकर सामान लूट लिया था. इस दौरान उन्हें भारतीय जवानों की तरफ से रोकने की कोशिश की गई थी तो सिविलयन आर्म्ड ग्रुप्स ने उन पर फायरिंग कर दी थी. इसी फायरिंग के दौरान भारतीय दस्ते में शामिल सीमा सुरक्षा बल (BSF) के दो जवान शहीद हो गए.
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BSF ने दी मंगलवार को जानकारी
BSF अधिकारियों ने दो जवानों के शहीद होने की जानकारी मंगलवार को सभी के साथ शेयर की. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारतीय राजदूत टीएस त्रिमूर्ति (TS Tirumurti) ने ट्वीट पर इन दोनों जवानों को श्रद्धाजंलि दी.
बता दें कि भारतीय शांति सेना (Indian Peacekeepers) को कांगो में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से तैनाती दी गई है, जहां लंबे समय से कई गुटों के बीच आपस में गृह युद्ध चल रहा है. ये विद्रोही गुट हथियार व अन्य सामान लूटने के लिए कई बार UN शांति सेना पर भी हमला बोलते रहते हैं. सोमवार की घटना भी UN पीसकीपिंग मिशन इन कांगो (MONUSCO) के अंदर हुई थी, जहां पहले भी लूट हो चुकी है.
Deeply grieved at the loss of lives of two valiant Indian peacekeepers of the BSF in the Democratic Republic of Congo. They were part of the MONUSCO.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 26, 2022
The perpetrators of these outrageous attacks must be held accountable and brought to justice .
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आइए जानते हैं क्या है शांति सेना और भारत का क्या है इसमें रोल
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की अपनी कोई सेना नहीं है, लेकिन उसके कंधों पर पूरी दुनिया में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी है. इसलिए UN हर साल दुनिया के अलग-अलग देशों की सेनाओं से प्रतिनियुक्ति पर सैनिक बुलाता है और उन्हें जरूरत वाले देश में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के तौर पर तैनाती देता है. ये जवान वर्दी अपने देश की सेना की ही पहनते हैं, लेकिन इनके सिर पर संयुक्त राष्ट्र की आसमानी रंग की कैप होती है. हर साल 29 मई को संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का अंतरराष्ट्रीय दिवस भी मनाया जाता है.
भारत की है अहम भूमिका, 8 देशों में चला रहा है शांति अभियान
- संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में भारतीय सेना की अहम भूमिका है. इस भूमिका को निम्न तरीके से समझा जा सकता है.
- 1948 से अब तक 71 शांति अभियानों में 2 लाख से ज्यादा भारतीय जवान अपनी सेवा दे चुके हैं.
- 2007 में भारत पहला देश बना था, जिसने ऑल वुमन टीम को शांति मिशन पर लाइबेरिया में भेजा था.
- 160 से ज्यादा भारतीय जवान शांति सेना अभियानों के दौरान शहीद हो चुके हैं, जिन्हें UN मेडल से नवाजा गया है.
- 14 देशों में इस समय शांति सेना काम कर रही है, जिनमें से 8 में भारतीय जवानों की तैनाती है.
- भारतीय सेना व अर्द्धसैनिक बलों के 5,400 से ज्यादा जवान इन देशों में संयुक्त राष्ट्र के झंडे तले तैनात हैं.
- इन देशों में कांगो, लेबनान, दक्षिणी सूडान, गोलान हाइट्स, सीरिया, वेस्टर्न सहारा, अबेयी, साइप्रस शामिल हैं.
- दक्षिणी सूडान में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के सर्वोच्च कमांडर भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल मोहन सुब्रमण्यम हैं.
- शांति सेना में भारत के 15 फोर्स कमांडर, 2 मिलिट्री एडवाइजर. एक डिप्टी मिलिट्री एडवाइजर टू यूएन सेक्रेट्री जनरल, 2 डिविजन कमांडर और 8 डिप्टी फोर्स कमांजर तैनात हैं.
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Indian Army: कांगो में विद्रोही हमले के दौरान 2 भारतीय जवान शहीद, जानिए कितने देशों में तैनात है भारतीय शांति सेना