डीएनए हिंदी: देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल रूस के दौरे पर पहुंच गए हैं. अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने गुरुवार को रूस के उपप्रधानमंत्री (Deputy PM) डेनिस मान्तुरोव (Denis Manturov) से मुलाकात की. इसके अलावा उनकी रूस के NSA निकोलई पात्रुशेव (Nikolai Patrushev) से भी बातचीत हुई है. डोभाल के इस दौरे पर चीन और पाकिस्तान, दोनों की नजरें लगी हुई हैं. 

इंडस्ट्री मिनिस्टर भी हैं रूस के उपप्रधानमंत्री

दरअसल डोभाल का रूस के NSA के अलावा वहां के डिप्टी पीएम के साथ मुलाकात करने के पीछे भी एक खास कारण है. डिप्टी पीएम डेनिस मान्तुरोव ही इस समय वहां के इंडस्ट्र व ट्रेड मिनिसटर भी हैं. उन्होंने डोभाल के साथ बैठक में इंटरगवर्मेंटल रशियन-इंडियन कमीशन फॉर ट्रेड, इकोनॉमिक, साइंटिफिक, टेक्नोलॉजिकल एंड कल्चरल कोऑपरेशन के रूसी चेयरमैन की हैसियत से हिस्सा लिया. इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को नया रूप देने पर बातचीत हुई. साथ ही परस्पर हित वाले सभी एरिया को लेकर चर्चा की गई. 

कूटनीतिक दौरा होता है डोभाल का

भारत और रूस के बीच आपसी रिश्तों का एक लंबा इतिहास रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में ये रिश्ते पहले जैसे नहीं रहे हैं. एकतरफ रूस का झुकाव चीन और पाकिस्तान की तरफ बढ़ा है तो भारत भी अमेरिकी खेमे की तरफ खिसका है, लेकिन यूक्रेन जंग के बाद बदली वैश्विक परिस्थितियों में भारत और रूस एक बार फिर करीब आ रहे हैं. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने सबसे अहम कूटनीतिज्ञ को रूस के दौरे पर रिश्तों के इसी कनेक्शन का मेंटिनेंस करने के लिए भेजा है.

पढ़ें- हिंद महासागर में चीन के नेवी बेस का संचालन शुरू, सैटेलाइट फोटो से खुलासा, भारत के लिए बढ़ा खतरा

अफगानिस्तान में तलाश रहे हैं दोनों ही देश अपने हित

सूत्रों के मुताबिक, इस दौरे पर सबसे अहम मुद्दा अफगानिस्तान (Afganistan) है, जहां चीन की लगातार बढ़ती सक्रियता से भारत और रूस दोनों ही सशंकित हैं. दरअसल भारत का अफगानिस्तान में करीब 23 हजार करोड़ रुपये का निवेश है, जो तालिबान (Taliban) के सत्ता में आने के बाद संकट में फंसा हुआ है. भारत नई रणनीति के तहत रूस के जरिये अफगानिस्तान में अपनी वापसी चाहता है, जिसके नई तालिबान सरकार के साथ अच्छे संबंध हैं. रूस भी अफगानिस्तान में मौजूद लाखों करोड़ रुपये के बेशकीमती खनिज पदार्थों पर नजरें टिकाए हुए है.

पढ़ें- आत्मनिर्भर भारत की राह में China सबसे बड़ा रोड़ा, देश का 15 % से ज्यादा Import ‘दुश्मन नम्बर 1’ से होता है

चीन-पाकिस्तान की टेंशन बढ़ने का ये है कारण

यही बात चीन और पाकिस्तान की टेंशन बढ़ा रही है. चीन अपने सिल्क रूट यानी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के हिस्से के तौर पर पाकिस्तान में बन रहे CPEC को आगे बढ़ाकर अफगानिस्तान को भी उसमें शामिल करना चाहता है. इससे चीन की यूरोप तक सीधी पहुंच हो जाएगी, जो उसके 'दुनिया की रॉ मटीरियल फैक्ट्री' होने के कारण बेहद काम आएगी.

इसके अलावा चीन ने भी अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर निवेश किया हुआ है. उसकी निगाहें भी अफगान खनिज पर है. खासतौर पर यूरेनियम और लीथियम, जो दुनिया में सबसे ज्यादा अफगानिस्तान में ही है. ऐसे में भारत और रूस की वहां मौजूदगी उसकी योजना को खराब कर सकती है.

पढ़ें- भारतीय जवान बनेंगे Universal Soldier, लड़ाकू मशीन की तरह पड़ेंगे दुश्मन पर भारी, दिए गए ऐसे खास उपकरण

पाकिस्तान के संबंध भी इन दिनों तालिबान के साथ पहले जैसे नहीं हैं. दोनों के बीच कई बार झड़प भी हो चुकी है. साथ ही पाकिस्तान को भारत की रूस के साथ दोबारा नजदीकी से अपने नए-नए बने रिश्ते में खलल आता भी दिख रहा है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Url Title
latest news India updates NSA ajit doval in russia why china and pakistan in tension
Short Title
NSA अजीत डोभाल के रूस पहुंचने से चीन और पाक परेशान, जानिए क्या है कारण
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Ajit Doval (File Photo)
Caption

Ajit Doval (File Photo)

Date updated
Date published
Home Title

NSA अजीत डोभाल के रूस पहुंचने से चीन और पाक परेशान, जानिए क्या है कारण