डीएनए हिंदी: दुनिया भर में बढ़ रहे दक्षिण पंथ का जोर इटली (Italy) में भी देखने को मिला है. दक्षिणपंथी गठबंधन ने चुनाव के दौरान दोनों सदनों में अपनी जीत का दावा किया है, जिसके बाद देश में दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार दक्षिणपंथी सरकार बनने की राह साफ हो गई है. साथ ही प्रमुख दक्षिणपंथी दल ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी की नेता जियोर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) का इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री बनना भी पक्का हो गया है. हालांकि अब तक सामने चुनाव परिणाम अनुमानों के हिसाब से मेलोनी को अकेले बहुमत नहीं मिल रहा है. इसके लिए उन्हें अपने सहयोगी माटेओ साल्विनी (Matteo Salvini) की धुर दक्षिणपंथी लीग पार्टी और पूर्व पीएम सिल्वियो बर्लुस्कोनी (Silvio Berlusconi) की सेंटर राइट पार्टी फोर्जा इटालिया का साथ लेना होगा.

पढ़ें- Rajasthan Political Crisis: सोनिया गांधी ने मांगी लिखित रिपोर्ट, अजय माकन बोले- विधायकों ने रखी 3 शर्तें

मेलोनी की ब्रदर्स ऑफ इटली को 26% वोट मिले हैं, जबकि पूरे दक्षिणपंथी गठबंधन को कुल 43.8% वोट हासिल हुए हैं. विपक्षी वामपंथी गुट को 26.1% वोट मिले हैं, जिसमें सबसे बड़ी पार्टी 19% वोट के साथ डीपी रही है.

यूरोपियन यूनियन की टिकी है परिणाम पर नजर

Reuters के मुताबिक, इटली के यूरो जोन की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के कारण वहां के चुनाव पर यूरोपियन यूनियन (EU) की भी नजरें टिकी थीं. दक्षिणपंथी गुट की जीत को यूरोप के लिए मुश्किल स्थिति पैदा करने वाला माना जा रहा है. हालांकि दक्षिणपंथी गुट के वरिष्ठ सदस्य माटेओ साल्विनी के मुताबिक, यह इटली की राजनीतिक स्थिरता के दुर्लभ युग की शुरुआत हो सकती है, जो उसकी कई समस्याओं का अंत बन सकती है. 

पढ़ें- केंद्र सरकार का YouTube को निर्देश- 10 चैनलों के 45 Videos को करे बैन

यूरोपियन कमीशन ने भी मेलोनी की नई सरकार के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद जताई है. साथ ही चेतावनी भी है कि अगर इटली लोकतांत्रिक सिद्धांतों से दूर जाता है तो उसे परिणाम भुगतने होंगे. वहीं, जियोर्जिया मेलोनी ने भी कहा कि उनकी ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी सभी के लिए काम करेगी और किसी के साथ विश्वासघात नहीं करेगी. रोम में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इटली ने दक्षिणपंथी सरकार के पक्ष में स्पष्ट संदेश दिया है.

पढ़ें- Pakistani Drone की गुरदासपुर में 15 दिन में चौथी घुसपैठ, 15 मिनट घूमा, BSF ने दागी 56 गोलियां

यूरो जोन में तेजी से बढ़ रहा दक्षिण पंथ

इटली में भी दक्षिणपंथी गुटों की जीत लगभग तय होने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या यूरो जोन में राष्ट्रवाद तेजी से उभार ले रहा है. हालिया दिनों में इस एरिया में दक्षिणपंथी दलों की यह तीसरी सफलता है. इसी महीने स्वीडन में प्रवासियों पर रोक लगाने की समर्थक स्वीडन डेमोक्रेट्स (Sweden Democrats) ने चुनावी जीत हासिल की है, जिससे स्वीडन की पहली महिला प्रधानमंत्री को सीट छोड़नी पड़ी है. इसके अलावा जून के दौरान फ्रांस में दक्षिणपंथियों ने बहुत बड़ी रैली आयोजित की थी, जिसकी भीड़ ने उनकी बढ़त के संकेत दिए थे.

पढ़ें- गैर हिंदुओं को गरबा आयोजनों में न मिले एंट्री, VHP ने महाराष्ट्र सरकार से की अपील

8 साल में ब्रदर्स को नेशनल पार्टी बनाया मेलोनी ने

साल 1977 में जन्मी जियोर्जिया मेलोनी ने महज 15 साल की उम्र में नियो-फासिस्ट इटली सोशल मूवमेंट पार्टी की यूथ विंग जॉइन कर ली थी. बाद में वे इस धुर दक्षिणपंथी दल की स्टूडेंट ब्रांच की अध्यक्ष बनीं. साल 2006 में पहली बार इटैलियन संसद चेंबर ऑफ डेप्यूटीज (Chamber of Deputies) के लिए चुनी गईं और महज दो साल बाद ही उन्होंने 31 साल की उम्र में इटली की सबसे युवा मंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया था. 

तत्कालीन प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी ने उन्हें यूथ पोर्टफोलियो दिया था. साल 2014 में मेलोनी ने ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी की स्थापना की और तभी से इसका नेतृत्व कर रही हैं. अब महज 8 साल बाद उन्होंने इसे नेशनल पार्टी साबित करते हुए सबसे ज्यादा वोट भी दिला दी हैं.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Latest News Giorgia Meloni set to first woman prime minister of Italy as Rightist bloc clear majority
Short Title
इटली में दक्षिणपंथी दलों को बहुमत, मेलोनी बनेंगी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Giorgia Meloni
Date updated
Date published
Home Title

इटली में दक्षिणपंथी दलों को बहुमत, मेलोनी बनेंगी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री