डीएनए हिंदी: इंटरनेशनल लेवल पर रोजगार या पढ़ने का मौका दिलाने वाली IELTS स्कोरिंग में भी धांधलेबाजी होने लगी है. इस धांधलेबाजी का खुलासा तब हुआ, जब मार्च महीने में छह भारतीय छात्र कनाडा-अमेरिका सीमा पर पकड़े गए. इनमें से चार गुजरात के रहने वाले थे, जो इंटरनेशनल लेवल की इंग्लिश स्पीकिंग के लिए IELTS में टॉप स्कोर पाने के बावजूद अमेरिकी अदालत में अंग्रेजी ही नहीं बोल सके. अमेरिकी प्रशासन के आग्रह पर गुजरात पुलिस (Gujarat Police) ने यह धांधलेबाजी करने वाले रैकेट के खुलासे के लिए मेहसाणा (Mehsana) जिले में जांच शुरू की है.
पहले जान लें कि IELTS होता क्या है
IELTS एक इंटरनेशनल स्टेंडर्डाइज्ड टेस्ट (International Standardized Test) है, जो अंग्रेजी से इतर भाषा बोलने वाले लोगों की इंग्लिश लेग्वेज स्पीकिंग स्किल का बेंचमार्क तय करता है. कई देशों में अच्छे कॉलेजों में एडमिशन के लिए IELTS में बेहतरीन स्कोर होना जरूरी है.
इस केस की जांच कर रही मेहसाणा पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के इंस्पेक्टर भावेश राठौड़ (Inspector Bhavesh Rathod) के मुताबिक, बेहतरीन से बेहतरीन छात्र भी IELTS एग्जाम में अधिकतम 5 से 6 बैंड ही हासिल कर पाता है. अमेरिका में पकड़े गए छात्रों में शामिल मेहसाणा जिले के चार अलग-अलग गांवों के चार छात्रों के पास IELTS में 6.5 से 7 बैंड हासिल करने का सर्टिफिकेट है, जबकि ये सही तरीके से अंग्रेजी भी नहीं बोल पाते हैं.
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इस साल मार्च में डूबती नाव में पकड़े गए थे
राठौड़ ने बताया कि US बॉर्डर अथॉरिटी ने इस साल मार्च में गुजरात के 19 से 21 साल उम्र वाले छह युवकों को उस समय गिरफ्तार किया था, जब वे कनाडा से अमेरिका में अवैध तरीके से घुसने की कोशिश कर रहे थे. ये सभी युवक कनाडा सीमा के करीब एक्वेसासने (Akwesasne) में सेंट रेगिस नदी (Saint Regis river) के अंदर एक डूबती हुई नाव में बैठे पकड़े गए थे. इनमें से चार मेहसाणा के थे, जबकि एक गांधीनगर (Gandhinagar) और एक पाटन (Patan) शहर का था.
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जज के सवालों का अंग्रेजी में नहीं दे सके जवाब
राठौड़ ने बताया कि इन छात्रों की असली पोल तब खुली, जब पाने वाले ये चारों छात्र अमेरिकी अदालत में जज की तरफ से पूछे गए सवालों का अंग्रेजी में जवाब ही नहीं दे सके. इसके बाद कोर्ट ने उनके लिए हिंदी ट्रांसलेटर उपलब्ध कराया. जज उस समय हैरान रह गए, जब उन्होंने पाया कि इन छात्रों ने अंग्रेजी भाषा दक्षता परीक्षा IELTS में 6.5 से 6 बैंड का स्कोर हासिल किया है.
इसके मुंबई स्थित यूएस महावाणिज्य दूतावास की क्रिमिनल फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने मेहसाणा पुलिस को ई-मेल भेजकर अपने यहां के छात्रों की जांच करने का आग्रह किया. यूनिट ने दो प्वॉइंट पर जांच का आग्रह किया कि इन छात्रों के इतने हाई स्कोर कैसे आए और इस गोरखधंधे में कौन सी एजेंसी या एजेंट शामिल है.
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क्या सामने आया है प्राथमिक जांच में
राठौड़ के मुताबिक, कनाडा में पकड़े गए मेहसाणा के छात्रों के नाम ध्रुव पटेल, नील पटेल, उर्विश पटेल और सावन पटेल हैं. पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि इन चारों ने 25 सितंबर, 2021 को दक्षिणी गुजरात (Gujarat) के नवसारी (Navsari) शहर में IELTS एग्जाम दिया था और इसमें बेहतरीन स्कोर हासिल किया था. इसी कारण इस साल 19 मार्च को वे स्टूडेंट वीजा पर कनाडा (Canada) गए थे. इसके दो सप्ताह बाद वे अमेरिका में घुसते समय पकड़े गए.
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एग्जाम कराने वाली एजेंसी ने ही की गड़बड़ी
जांच के दौरान नवसारी के जिस बेंक्वेट हॉल में एग्जाम कराया गया, उसके मैनेजर ने पुलिस को सारी गड़बड़ी की जानकारी दी, मैनेजर ने बताया कि पिछले साल सितंबर में एग्जाम करा रहे एग्जाम सुपरवाइजर्स ने एग्जाम हॉल में लगे CCTV कैमरे टर्नऑफ करा दिए थे. इसके बाद IELTS एग्जाम में गड़बड़ी कर इन छात्रों को बेहतरीन स्कोर दिलाया गया, जिससे ये कनाडा के कॉलेज में एडमिशन के रास्ते अमेरिका में अवैध तरीके से दाखिल हो सकें.
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अहमदाबाद की थी एग्जाम कराने वाली एजेंसी
राठौड़ के मुताबिक, जांच में पाया गया कि यह एग्जाम कराने वाली एजेंसी अहमदाबाद के साबरमती एरिया की थी. एजेंसी के मालिक को SOG ने पूछताछ के लिए पेश होने का नोटिस भेजा है.
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IELTS स्कोरिंग के गोरखधंधे की US में पोल खुली, टॉप स्कोर पाने वाले छह भारतीय नहीं बोल पाए अंग्रेजी