डीएनए हिंदी: अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद लगातार आक्रामक दिख रहे चीन ने बुधवार को एक बार फिर धमकी दी. ताइवान की सीमा पर युद्धाभ्यास के नाम पर लगातार मिसाइल और रॉकेट दाग रहे चीन ने फिर दोहराया कि वह ताइवान को अपने साथ मिलाने के लिए किसी भी हद तक जाएगा, फिर चाहे उसे बल प्रयोग ही क्यों न करना पड़े. चीन ने कहा कि ताइवान में मौजूद अलगाववादी संगठन (ताइवानी सरकार) को सबक सिखाने के लिए वह जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगा.
ताइवान मामलों के मंत्रालय ने जारी किया है श्वेत पत्र
चीन के ताइवान मामलों के मंत्रालय की तरफ से एक श्वेत पत्र जारी किया गया है, जिसमें ताइवान को लेकर कहा गया है कि हम शांतिपूर्ण मिलाप के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर किसी तरह की बाहरी ताकतें या ताइवान में स्थित अलगाववादी संगठन की तरफ से दिक्कत आई तो चीन सैन्य कार्रवाई करने में भी पीछे नही हटेगा. हम बल का प्रयोग तभी करेंगे, जब अलगाववादी त्तवों द्वारा बाधा उत्पन्न किया जाएगी. बता दें कि चीन ताइवान को 6 तरफ से घेर कर लगातार सैन्य अभ्यास कर रहा है.
यह भी पढ़े- क्या है One China Policy? भारत समेत अन्य देशों का इसे लेकर क्या है रुख
क्यूं गुस्साया है चीन
साल 2016 में ताइवान के नया राष्ट्रपति त्साई इंग वेन बनीं, जो अपने देश को चीन का हिस्सा नहीं मानते हैं. इसके बाद से चीन और ताइवान के संबंध में पहले से ज्यादा खटास आया है. डेमोक्रेटिक प्रोगेसिव पार्टी को चीन अलगाववादी संगठन मानता है.
22 साल पहले भी जारी किया था श्वेत पत्र
पिछली बार चीन ने 22 साल पहले साल 2000 में ताइवान को लेकर श्वेत पत्र जारी किया था. बता दें कि त्साई इंग वेन के राष्ट्रपति बनने के बाद से चीन ताइवान रिश्तों में पहले से ज्यादा खटास आई है. ऐसे में अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा ने चीन के जले पर नमक छिड़कने जैसा काम किया.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Taiwan Crisis: चीन ने फिर दी धमकी, कहा- ताइवान को अपने साथ मिलाने के लिए हर हद तक जाएंगे