डीएनए हिंदी: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) की 50 साल बाद दोबारा इंसान को चांद पर भेजने की तैयारियों को करारा झटका लगा है. सोमवार को आर्टिमस-1 (Artemis 1) मिशन के तहत नासा के अब तक के सबसे शक्तिशाली रॉकेट स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) को लॉन्च किया जाना था, लेकिन यह लॉन्चिंग काउंटडाउन के दौरान T-40 मिनट (उड़ान से महज 40 मिनट पहले) पर रोकनी पड़ी. लॉन्चिंग रोकने का कारण ऐन मौके पर स्पेसक्राफ्ट के फ्यूल सिस्टम में गड़बड़ी दिखाई देने लगी. इस गड़बड़ी को ठीक करने के लिए हाइड्रोजन टीम आर्टिमस-1 के लॉन्च डायरेक्टर से बात कर रही है.
इस रॉकेट को अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य में मौजूद केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाना था. यह लॉन्चिंग अमेरिकी समय के हिसाब से सोमवार सुबह लगभग 8.33 बजे (भारतीय समय के हिसाब से शाम करीब 6.03 बजे) होनी थी, लेकिन इसका काउंटडाउन भारतीय समय के हिसाब से शाम करीब 5 बजे रोक दिया गया. नासा ने काउंटडाउन रोकने की जानकारी ट्विटर पर साझा की है.
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The launch of #Artemis I is no longer happening today as teams work through an issue with an engine bleed. Teams will continue to gather data, and we will keep you posted on the timing of the next launch attempt. https://t.co/tQ0lp6Ruhv pic.twitter.com/u6Uiim2mom
— NASA (@NASA) August 29, 2022
पूरी रात भरा गया था रॉकेट में फ्यूल
नासा ने SLS के अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट होने का दावा किया है. तकरीबन 98 मीटर (322 फुट) लंबे SLS का वजन 2,600 किलोग्राम है. नासा के मुताबिक, रॉकेट में रविवार की पूरी रात के दौरान करीब 30 लाख लीटर अल्ट्रा कोल्ड लिक्विड हाइड्रोजन फ्यूल भरा गया था, लेकिन ऑक्सीजन ईंधन भरने का काम रोक दिया गया था. उस समय कहा गया था कि ऑक्सीजन भरने से आग लगने का खतरा है, इसलिए इसे उड़ान से ठीक पहले रॉकेट में भरा जाएगा.
लॉन्च से 5 घंटे पहले पकड़ में आया फ्यूल लीकेज
अमेरिकी समय के हिसाब से सुबह करीब 3 बजे फ्यूल टीम को रॉकेट के टैंक में लीकेज की संभावना दिखाई दी. यह लीकेज रॉकेट के मेन हिस्से में मौजूद हाइड्रोजन फ्यूल टैंक में थी, जिसके चलते रॉकेट ब्लास्ट हो सकता था. इसके चलते फ्यूल भरने का काम उसी समय रोक दिया गया. बाद में फ्यूल टैंक के कई टेस्ट किए गए. इन टेस्ट में लीकेज नहीं दिखाई देने पर फ्यूल भरने का काम दोबारा शुरू किया गया. इस बात की जानकारी नासा के एक्सप्लोरेशन ग्राउंड सिस्टम ने ट्वीट के जरिए सभी से साझा की.
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#Artemis I update: Launch is currently in an unplanned hold as the team works on an issue with engine number 3 on the @NASA_SLS core stage. Operations commentary continues at https://t.co/z1RgZwQkWS https://t.co/mFyoeRMC6q
— NASA (@NASA) August 29, 2022
लॉन्चिंग देखने पहुंचे हुए हैं 10 हजार लोग
नासा के इस ऐतिहासिक रॉकेट लॉन्च को देखने के लिए करीब 10 हजार लोग पहुंचे हुए हैं, जिनमें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamla Harris) भी शामिल हैं.
मिशन की सफलता से जुड़ी है इंसान की चंद्रमा पर वापसी
इस रॉकेट से नासा ओरियोन नाम के एक क्रू कैप्सूल को अंतरिक्ष में भेज रही थी. इस टेस्ट कैप्सूल में असल में 6 लोग बैठ सकते हैं. टेस्ट कैप्सूल को अंतरिक्ष में छोड़ने के बाद SLS को करीब 6 सप्ताह तक चांद के चारों तरफ चक्कर लगाना था और इसके बाद प्रशांत महासागर में सुरक्षित लैंड करना था.
The countdown clock is on a hold at T-40 minutes. The hydrogen team of the @NASA_SLS rocket is discussing plans with the #Artemis I launch director. Operational commentary continues at https://t.co/z1RgZwQkWS. pic.twitter.com/5J6rHVCe44
— NASA (@NASA) August 29, 2022
फिलहाल इस रॉकेट के पहले मिशन में नासा किसी अंतरिक्ष यात्री को नहीं भेज रही थी, लेकिन इस लॉन्चिंग के सफल होने पर साल 2024 तक नासा फिर से इंसान को चांद पर भेजने की तैयारी कर रही है. इसके लिए SLS के 6 सप्ताह तक अंतरिक्ष में रहने के दौरान रिकॉर्ड हुए डाटा के हिसाब से तैयारी की जानी थी.
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Artemis 1 launch: नासा को बड़ा झटका, लॉन्चिंग काउंटडाउन के बीच रॉकेट खराब होने से मिशन होल्ड