डीएनए हिंदी: किम जोंग अक्सर नए-नए नियम कानून पेश कर दुनिया भर में अपनी सनक की मिसाल पेश करते रहते हैं. अब उत्तर कोरिया के इस तानाशाह ने नया कानून बना दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अब Kim Jong Un ने ऐसे कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिसके मुताबिक उत्तर कोरिया की सेना को अपनी मर्जी से दुश्मनों के खिलाफ परमाणु अटैक करने का अधिकार मिल गया है. यह खबर पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गई है.
चिंता में अमेरिका और फ्रांस
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी परमाणु हथियारों पर उत्तर कोरिया के नए कानून को लेकर गंभीर चिंता जताई है. फ्रांस की तरफ से जारी बयान में उत्तर कोरिया के इस फैसले को अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है. इससे पहले तानाशाह किम जोंग ने ये चेतावनी भी दी थी कि अमेरिका या किसी दूसरे देश से धमकी मिलने पर उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों का सक्रिय रूप से इस्तेमाल करने में संकोच नहीं करेगा. अब इस कानून के बाद किम जोंग के इस ऐलान को लेकर चिंता बढ़ गई है.
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जानिए क्या होता है परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का अधिकार
कोई भी देश अपनी मर्जी से जब चाहे किसी दूसरे देश पर परमाणु हमला नहीं कर सकता है. इस फैसले तक पहुंचने से पहले एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. हर देश में यह प्रक्रिया अलग-अलग होती है.
भारत
भारत में परमाणु संबंधी मसलों से जुड़े सारे काम न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी यानी NCA नाम की संस्था करती है. जब परमाणु हमले से जुड़े किसी फैसले की बात होती है तो यह अधिकार पूरी तरह प्रधानमंत्री के पास होता है. पीएम के पास एक स्मार्ट कोड होता है. यह कोड मिलने के बाद ही न्यूक्लियर टीम परमाणु हमले की तैयारी कर सकती है. इस कोड को शेयर करने से पहले पीएम भी पूरे मंत्रिमंडल और विशेषज्ञों के साथ चर्चा के बाद ही फैसला करते हैं.
अमेरिका
अमेरिका में परमाणु हमले का फैसला राष्ट्रपति ही कर सकते हैं. इसके लिए खासतौर पर एक फुटबॉल जैसा ब्रीफकेस बैग तैयार किया गया है. राष्ट्रपति के साथ रहने वाले बेहद करीबी लोगों के पास ये ब्रीफकेस बैग होता है. इस ब्रीफकेस में अमेरिका का पूरा वार प्लॉन और न्यूक्लियर मिसाइल टारगेट होता है. इसके अंदर ख़ास तरह के उपकरण लगे होते हैं, जिसके ज़रिए राष्ट्रपति अपने वरिष्ठ सलाहकारों और कुछ अन्य बेहद ज़रूरी लोगों से कभी भी बात कर सकते हैं.
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रूस
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार रूस में भी न्यूक्लियर अटैक की ये शक्ति राष्ट्रपति के पास ही होती है. इनके पास भी एक ऐसा ही न्यूक्लियर ब्रीफकेस होता है. जब ऐसे हमले की स्थिति बनती है तो इस बैग में अपने आप ही अलार्म बजने लगता है. इसी ब्रीफकेस के जरिए राष्ट्रपति सेना कमांडरों से सीधे संपर्क में आ सकते हैं.
ब्रिटेन
ब्रिटेन में यह अधिकार प्रधानमंत्री के पास होता है. यहां भी मिसाइल लॉन्च के लिए भारत की ही तरह एक सीक्रेट कोड का इस्तेमाल किया जाता है. इसके बिना मिसाइल नहीं दागी जा सकती है.
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