जापान में जनसंख्या (Japan Population Crisis) का संकट सामने आ गया है. जापान में शिशुओं के जन्मदर की संख्या में एक बार फिर से गिरावट देखने को मिली है. मंगलवार को जापान सरकार की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें साल 2023 की बर्थरेट सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक बर्थरेट का आंकड़ा 5 फीसदी नीचे गिर गया है. जापान की जन्मसंख्या में लगातार गिरावट जापान में बढ़ते संकट को दिखाता है. पिछले वर्ष की तुलना में साल 2023 में जन्मसंख्या में 5 फीसदी गिरावट (759,631) देखने को मिली है.
जापान में जन्मसंख्या दर में गिरावट आठवें साल भी जारी है. साल 2020 में देश की जनसंख्या 840,832 थी, जो अगले साल 2021 में 3.5 फीसदी घटकर 811,604 रह गई. 2022 में जन्मसंख्या में 5.1 फीसदी गिरावट देखने को मिली और गिरावट के साथ ये 799,728 रह गई. बता दें कि इसके साथ शादी के आंकड़ो में भी गिरावट देखने को मिली है. पिछले 90 सालों में पहली बार शादियों की संख्या 5 लाख के नीचे पहुंची है. शादियों की संख्या में 5.9 फीसदी गिरावट के बाद यह 489,281 हो गई हैं.
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जन्मसंख्या में तेजी से गिरावट बेहद गंभीर
जापान सरकार के प्रवक्ता ने इन आंकड़ोंपर कहा कि जनसंख्या दर में सुधार के लिए सरकार अहम कदम उठाएगी. वहीं पत्रकारों से बातचीत को दौरान जापान के कैबिनेट मंत्री योशिमासा हयाशी ने बताया कि जन्मसंख्या में तेजी से गिरावट बेहद गंभीर विषय है. हमें अगले कुछ साल में ही इनमें सुधार की कोशिश करनी होगी.
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जन्मसंख्या को लेकर सरकार ने उठाए कदम
इस समस्या पर प्रधानमंत्री फुमिओ किशीदा ने कहा कि वर्तमान में जन्मसंख्या में बढ़ती गिरावट हमारे देश का सबसे गंभीर संकट है. पिछले साल जापान सरकार ने बच्चे पैदा करने वाले परिवारों के समर्थन के लिए बड़े कदम उठाने की घोषणा की थी. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पॉपुलेशन एंड सोशल सिक्योरिटी रिसर्च ने मौजूदा हालात को देखते हुए आकड़ो का अनुमान लगाते हुए कहा है कि साल 2070 तक ये आकंड़े 30फीसदी और गिर जाएंगे और जापान की जनसंख्या घटकर 8.7 करोड़ रह जाएगी.
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घटती जन्मसंख्या कुछ ऐसे करेगी असर
यदि जापान की जन्मसंख्या ऐसे ही घटती रही तो जापान में बुजुर्गों की संख्या में इजाफा होगा. इसका सीधा असर देश की सेना पर पड़ता है क्योंकि अगर किसी देश की आबादी ज्यादा होती है तो उसकी सेना भी उतनी बड़ी और मजबूत होती है. घटती जन्मसंख्या के कारण बुजुर्गों की बढ़ती संख्या के लिए सरकार को रिटायरमेंट फंड और अन्य दूसरी योजनाएं चलानी पड़ती हैं, जिसके लिए फंड जरूरत होती है, जो सरकारी खजाने पर बुरा असर डालता है. घटती जन्मसंख्या के कारण देश में युवा कामगारों के कम होने से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पढ़ता है और लोगो को सुविधाएं भी कम मिलती हैं.
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जापान में जनसंख्या संकट, शादी और बच्चों की जिम्मेदारी से भाग रही युवा आबादी