ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहनने की पाबंदी (Iran Hijab Protest) के विरोध में महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं. देश में महिलाओं के अधिकार बेहद सीमित हैं और उन्हें कई तरह की पाबंदियों का भी पालन करना जरूरी होता है. दुनिया भर के मानवाधिकार संगठन ईरान में महिलाओं की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर करते रहे हैं. इस बीच देश के सुप्रीम लीडर खामनेई अपने हालिया बयान की वजह से चर्चा में हैं. उन्होंने कहा कि घर में महिलाओं के साथ नाजुक फूलों की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए. उनकी हिफाजत करनी चाहिए. इसके जवाब में इजरायल ने एक ईरानी युवती की तस्वीर शेयर की है. समझें पूरा मामला.
कौन हैं यह महिला, जिसकी तस्वीर इजरायल ने की शेयर?
दरअसल ईरान के सुप्रीम लीडर के बयान के बाद इजरायल ने एक ईरानी युवती की तस्वीर शेयर की है. दरअसल 22 साल की महसा अमीनी ईरान में रहनेवाली कुर्दिश महिला थी. वह अपने भाई के साथ तेहरान घूमने आई थी. 2022 में तेहरान में हिजाब नहीं पहनने की वजह से ईरान की मौरेलिटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और उसकी बेरहमी से पिटाई की थी. सिर पर मारे गए घूंसों की वजह से महसा कोमा में चली गई और 16 सितंबर 2022 को उसकी मौत हो गई. इसके बाद से ईरान ही नहीं पूरी दुनिया के लिए वह प्रतिरोध का चेहरा बन गई हैं.
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दरअसल ईरान के सुप्रीम लीडर ने बयान दिया था कि महिलाएं हाउसमेड नहीं हैं. उनकी जिम्मेदारी घर और बच्चों की देखभाल करने की है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि महिला या पुरुष में से कोई एक ऊपर है. महिलाएं फूलों की तरह नाजुक हैं और उनकी हिफाजत और देखभाल होनी चाहिए. सुप्रीम लीडर के इस बयान पर इजरायल ने उस महिला की तस्वीर शेयर की है जिसके साथ ईरान की सरकारी पुलिस ने बर्बरता की थी. आज महसा पूरी दुनिया में अनिवार्य हिजाब के प्रतिरोध की आवाज के तौर पर जानी जाती हैं.
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खामनेई ने महिलाओं को बताया फूल, तो इजरायल ने क्यों याद दिलाई इस महिला की?