इन दिनों अफगानिस्तान की तलिबान सरकार और पाकिस्तान के बीच बेहद तनाव की स्थिति बनी हुई है. दोनों ही देशों ने एक-दूसरे की सीमा के भीतर जाकर हमले किए हैं. इन हमलों में दोनों ही ओर से कई लोग मारे गए हैं. दोनों देशों के बीच अभी भी संघर्ष और टकराव की स्थिति बनी हुई है. जानकारों के मुताबिक हालात ऐसे ही रहे तो दोनों मुल्कों के दरम्यान आने वाले निकट भविष्य में एक बड़ा युद्ध भी हो सकता है. पाकिस्तान की ओर से अफगानिस्तान को घेरने के लिए उसके उत्तर में मौजूद पड़ोसी देश ताजिकिस्तान के साथ मसझौते की बात कही गई थी. पाकिस्तान और ताजिकिस्तान के शिर्ष नेता मिले भी थे. आपको बताते चलें कि अफगानिस्तान का ताजिकिस्तान के साथ एक पुराना सीमा विवाद है. पाकिस्तान ताजिकिस्तान को अफगानिस्तान के खिलाफ उकसाना चाहता है. वो अफगानिस्तान को घेरने कते लिए तरह-तरह का चाल चलता हुआ नजर आ रहा है. वहीं इस बीच दुबई में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्ताकी और भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री की मुलाकात हुई है. इस मुलाकात के बाद भारत और अफगानिस्तान के बीच के संबंध को एक नई ऊंचाई पर पहुंचने की उम्मीद है.

इन अहम मुद्दों को लेकर हुई बातचीत
दुबई में जारी ये मुलाकात अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान के आने के बाद प्रथम उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता है. आपको बता दें कि तालिबान अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुआ था. उससे पहले वहां एक लोकतांत्रिक सरकार चल रही थी, जिसके साथ भी भारत के संबंध बेहद मधुर थे. दुबई में हुए भारत और तालिबान के बीच के वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच स्थानीय विकास और सामरिक साझेदारी समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई. इस मुलाकात को लेकर देश मंत्रालय ने एक स्टेटमेंट जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान में भारत के सुरक्षा से जुड़े मुद्दों, आगामी समय में विकास कार्यों, पाकिस्तान से वापस अफगानिस्तान जा रहे रिफ्यूजी को बसाने में सहायता, दोनों देशों के बीच मजबूत क्रिकेट संबंध और चाबहार पोर्ट के उपयोगिता समेत बड़े मुद्दों पर बातचीत हुई.

'अफगानी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देंगे'
इस वार्ता के दौरान तालिबान की तरफ से भारत को भरोसा दिया गया है कि वो अफगान की सरजमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं होने देंगे. इस वार्ता से पहले अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को समय भारत ने अपना रुख साफ किया था, और अफगानिस्तान पर किए गए पाकिस्तानी एअर स्ट्राइक की निंदा की थी. आपको बताते चलें कि भारत की ओर से अफगानिस्तान को कई शिपमेंट भी दिए गए हैं. इसके अंतर्गत 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं वहां पर भेजा गया है, साथ ही 300 टन दवा और  40,000 लीटर कीटनाशक, साथ ही पोलियो की 10 करोड़ ड्रॉप भी भेजे गए हैं. इसके साथ ही भारी मात्रा कई अन्य सामान भी वहां भेजे गए हैं.

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indian Foreign Secretary vikram misri met taliban minister in dubai amid afghanistan conflict with pakistan
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'आपके खिलाफ हम अपनी जमीन इस्तेमाल नहीं होने देंगे', पाकिस्तान से लड़ते हुए तालिब
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भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री और विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्ताकी
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भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री और विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्ताकी

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'आपके खिलाफ हम अपनी जमीन इस्तेमाल नहीं होने देंगे', पाकिस्तान से लड़ते हुए तालिबान ने भारत को दिया भरोसा

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