डीएनए हिंदी: पैगंबर मोहम्मद पर कथित विवादित टिप्पणी को लेकर हाल ही में ईरान ने अपनी आपत्ति जाहिर की थी लेकिन इस विवाद से दोनों देशों के रिश्तों पर कोई खास असर नहीं पड़ता दिख रहा है. अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आए ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियन (Hossein Amir Abdollahian) ने भारत के विदेश मंत्री से मुलाकात की है और चाबहार पोर्ट पर दोनों देशों की सोच लगभग एक जैसी ही है.
दरअसल, ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की है. अपने ईरानी समकक्ष के साथ बुधवार को अफगानिस्तान, यूक्रेन एवं अन्य क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की.दोनों ने ही इस दौरान कारोबार, स्वास्थ्य, लोगों के बीच संपर्क सहित द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की है.
अहम है चाबहार पोर्ट
दोनों देशों ने मध्य एशिया समेत इस क्षेत्र के लिए एक ट्रांजिट हब के रूप में चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए आपसी सहयोग को जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई है. बताया जा रहा है कि प्रमुख बंदरगाह के परिचालन को लेकर चर्चा के लिए दोनों ही देशों के प्रतिनिधि जल्द ही मिलेंगे.
भारत के लिए चाबहार बंदरगाह कई मायनों में महत्वपूर्ण है. इस चाबहार बंदरगाह से घिरे अफगानिस्तान तक समुद्री मार्ग के उद्देश्य से एक बेहद महत्वपूर्ण परियोजना है. समुद्री मार्ग से वैश्विक बाजार तक पहुंच बनाने के लिए यह बेहद किफायती और सबसे स्थिर मार्ग माना जाता है. वहीं चीन को दक्षिण एशिया पर काबू में रखने के लिहाज से भी चाबहार पोर्ट अहम है.
कूटनीतिक रिश्तों का रखा रोडमैप
गौरतलब है कि ईरान के विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियन पहली बार भारत के यात्रा पर हैं. इस दौरान उन्होंने बुधवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बातचीत की. अपनी यात्रा के दौरान, ईरानी विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी चर्चा की थी. चर्चा के दौरान ईरानी विदेश मंत्री ने संयुक्त व्यापक कार्य योजना से संबंधित मौजूदा स्थिति के बारे में विदेश मंत्री को जानकारी दी.
दोनों ही देशों के मंत्रियों ने यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को लेकर भी चर्चा की. बैठक के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ ईरान के विदेश मंत्री आमिर अब्दुल्लाहियन के साथ विविध विषयों पर व्यापक चर्चा हुई. हमने कारोबार, संपर्क, स्वास्थ्य, लोगों के बीच संपर्क सहित द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की.’’
विवाद के बीच दौरे पर आए विदेश मंत्री
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान, यूक्रेन, संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) सहित क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया.’’ विदेश मंत्रालय के अनुसार, “अब्दुल्लाहियन नई दिल्ली में बैठकों के बाद मुंबई और हैदराबाद की भी यात्रा करेंगे.”
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वहीं इस मुलाकात को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ईरान के विदेश मंत्री की भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों एवं गठजोड़ को और मजबूत बनाया जा सकेगा. अब्दुल्लाहियन की भारत यात्रा ऐसे समय हुई है जब पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा के दो पूर्व नेताओं के विवादित बयान को लेकर कुवैत, कतर के साथ ईरान ने भारतीय राजदूत को तलब कर विरोध दर्ज कराया था.
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चाबहार पोर्ट पर जारी रहेगा भारत-ईरान समझौता, दोनों देशों ने जताई सहमति