डीएनए हिंदी: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishanakr) ने चीन को जमकर लताड़ लगाई. हाल ही में चीन ने 26/11 मुंबई हमलों के हैंडलर साजिद मीर (Sajid Mir) को ब्लैक लिस्ट में डालने के प्रस्ताव को रोक दिया था. एस. जयशंकर ने चीन का नाम लिए बिना ही कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीति की आड़ में यह सब हो रहा है. यूक्रेन संकट (Russia Ukraine) पर चर्चा के दौरान जयशंकर ने कहा कि जवाबदेही से बचने के लिए राजनीति की आड़ में नहीं छिपना चाहिए. उन्होंने कहा कि सबने देखा कि आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने की बात आई तो क्या हुआ.  

रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत ना रुख साफ करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि टकराव समस्या का समाधान नहीं है और बातचीत से ही मसले का समाधान निकाला जाना चाहिए. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SCO समिट में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान भी यही बात कही थी. इस बैठक में भारत को संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने का मुद्दा भी उठा.

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UNSC की स्थायी सदस्यता के लिए प्रयास जारी
जयशंकर से पूछा गया था कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने में कितना वक्त लगेगा? उन्होंने कहा कि वह भारत को स्थायी सदस्यता दिलाने के लिए काम कर रहे हैं. भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'जब मैं कहता हूं कि मैं इस पर काम कर रहा हूं तो इसका मतलब है कि मैं इसे लेकर गंभीर हूं. आपको बता दें कि भारत UNSC का स्थायी सदस्य नहीं है.

आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका हैं. इन देशों को किसी भी प्रस्ताव पर वीटो करने का अधिकार प्राप्त है. लंबे समय से स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग हो रही है. इस बारे में एस जयशंकर ने कहा कि हम मानते हैं कि बदलाव काफी समय से अपेक्षित है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र 80 वर्ष पहले की स्थितियों के परिणामस्वरूप बनी.

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उन्होंने कहा कि कुछ वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा, यह दुनिया की सबसे घनी आबादी वाला देश होगा. उन्होंने कहा, 'ऐसे देश का अहम वैश्विक परिषदों का हिस्सा न होना जाहिर तौर पर न केवल हमारे लिए बल्कि वैश्विक परिषद के लिए भी अच्छा नहीं है.' गौरतलब है कि भारत के पास अभी सुरक्षा परिषद के गैर स्थायी सदस्य के तौर पर दो साल का कार्यकाल है. उसका कार्यकाल दिसंबर में समाप्त हो जाएगा.

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india foreign minister s jaishankar taunts china over using veto to save terrorists
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आतंकी के नाम पर चीन ने लगाया था वीटो, एस जयशंकर ने UNSC में बिना नाम लिए ही लताड
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जयशंकर ने चीन पर कसा तंज
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जयशंकर ने चीन पर कसा तंज

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आतंकी के नाम पर चीन ने लगाया था वीटो, एस जयशंकर ने UNSC में बिना नाम लिए ही लताड़ दिया