भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S.Jaishankar) ने G7 और ब्रिक्स (BRICS) जैसे समूहों की जरूरत पर यूरोप को करारा जवाब दिया है. उन्होंने जेनेवा में सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी के साथ बातचीत में ब्रिक्स की आवश्यकता पर उठे सवाल का ऐसा जवाब दिया, जिसे सुनने के बाद पूरे हाल में तालियां बजने लगीं. मंझे हुए डिप्लोमैट रह चुके एस. जयशंकर ने कहा कि आपने हमारे लिए जी7 क्लब के दरवाजे बंद कर लिए, इसलिए हमने अपना अलग क्लब बना लिया है. ब्रिक्स को भी जी7 और जी20 जैसे समूहों के साथ स्वीकार किया जाना चाहिए.

'हमें G7 के क्लब में शामिल नही किया जाता था'

थिंक टैंक के सवाल-जवाब सत्र में राजदूत जीन-डेविड लेविटे ने एस. जयशंकर से पूछा कि जी20 के अस्तित्व में होने के बावजूद ब्रिक्स की आवश्यकता क्यों महसूस की जाती है? एस जयशंकर ने तीखे शब्दों में उत्तर दिया, क्लब की बात क्यों? पहले भी एक क्लब था, G-7 के नाम से, जिसमें किसी और को जगह नहीं दी जाती थी. इसलिए हमने अपना क्लब बना लिया. उन्होने आगे  कहा अगर जी7 का अस्तित्व जी20 के साथ हो सकता है, तो ब्रिक्स का भी हो सकता है. उन्होंने आगे कहा, मुझे हैरानी होती है कि जब हम ब्रिक्स की बात करते हैं, तो ग्लोबल नॉर्थ क्यों असुरक्षित महसूस करता है? ऐसा लगता है कि यह विचार उन्हें परेशान करता है. जी-20 पहले से मौजूद है, तो क्या जी-7 समाप्त हो गया? क्या इसकी बैठकें बंद हो गई हैं? नहीं, जी-7 और जी-20 दोनों साथ-साथ चल रहे हैं. फिर, क्यों नहीं हो सकता कि ब्रिक्स भी जी-20 के साथ अस्तित्व में रहे?

ब्रिक्स की स्थापना, उद्देश्य और सदस्यता पर की बा

एस जयशंकर ने ब्रिक्स की स्थापना और इसके उद्देश्य को भी साफ किया. उन्होंने बताया कि ब्रिक्स की शुरुआत 2009 में ब्राजील, रूस, भारत, और चीन ने की थी. बाद में दक्षिण अफ्रीका भी इसमें शामिल हुआ. इस साल जनवरी में ईरान, सऊदी अरब, मिस्र, यूएई और इथियोपिया को भी इसमें जोड़ा गया है. वर्तमान में, ब्रिक्स देशों का ग्लोबल जीडीपी में 27% हिस्सा है.

एक-दूसरे को समझता है ग्लोबल साउथ

विदेश मंत्री ने ग्लोबल साउथ के देशों (जैसे चीन, भारत, इंडोनेशिया, ब्राजील) के बारे में कहा कि ये देश ज्यादातर उपनिवेश-मुक्त और विकासशील हैं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि ये देश एक-दूसरे को अच्छे से समझते हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर वर्तमान में अपने तीन देशों के दौरे के अंतिम चरण में हैं. उन्होंने पहले सऊदी अरब में भारत-गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल की मंत्री स्तरीय बैठक में भाग लिया और फिर जर्मनी का दौरा किया. जर्मनी में, उन्होंने जर्मन विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक के साथ चर्चा की और बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ से मुलाकात की.

यह भी पढ़ें - Arvind Kejriwal को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, 177 दिन बाद जेल से आएंगे बाहर

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Url Title
foreign minister jaishankar befitting reply to europe on brics expansion says you shut G7 door read explained
Short Title
फिर क्यों है G7? जेनेवा में S. Jaishankar का पश्चिमी देशों को करारा जवाब, जानें
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
S. Jaishankar
Date updated
Date published
Home Title

फिर क्यों है G7? जेनेवा में S. Jaishankar का पश्चिमी देशों को करारा जवाब, जानें क्या था पूरा मामला

 

Word Count
531
Author Type
Author