डीएनए हिंदी: इजरायल और हमास आतंकियों के बीच जंग सात अक्टूबर से जारी है. इजरायली सेना जमीनी हमले से पहले गाजा पट्टी में बमबारी बढ़ा दी है. गाजा के 20 लाख से अधिक लोगों के पास भोजन, पानी और दवा की कमी हो गई है. बीते 18 दिनों में इजरायल अपने नागरिकों की मौत का बदला ले रहा है और हमास के आतंकियों को खत्म कर रहा है. इजरायल के इस एक्शन को देखकर हमास के तेवर भी नरम पड़ने लगे है. सोमवार को हमास के आतंकियों ने 2 इजरायली महिला बंधकों को रिहा किया, इनमें एक 79 साल की नुरिट कूपर और दूसरी 85 साल की योचेवेड लिफ़शिट्ज़ हैं, दोनों बुजुर्ग महिलाओं को 7 अक्टूबर को हमास आतंकियों ने किबुत्स बेरी से अगवा किया था. आइए आज के डीएनए टीवी शो में जानते हैं कि क्या इजरायल-हमास युद्ध अंतिम दौर में पहुंच गया है.
हमास अबतक कुल 4 बंधकों को रिहा कर चुका है, इससे पहले 20 अक्टूबर को 2 अमेरिकी महिला मां-बेटी को रिहा किया था. अब बुजुर्ग महिला बंधकों को रिहा करने के बाद हमास की तरफ से कहा गया कि दोनों बंधकों की रिहाई मानवीय आधार पर की गई है. मानवीय आधार की बात कौन कर रहा है, वो आतंकी संगठन जिसने इजरायल में घुसकर 1400 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या की. बच्चों, बुजुर्गों की जान ली. बीच सड़क पर बेगुनाह लोगों को गोलियों से भून दिया और ऐसे बुजुर्गों को बंधक बनाया जो बीमार थे, जिनके लिए ठीक से चल पाना भी संभव नहीं था. हमास का अमानवीय चेहरा रिहा हुई बुजुर्ग ने बेनकाब किया है, उसने रिहा होने के बाद बताया कि कैसे उसे अगवा किया गया था. फिर उसके साथ हमास आतंकियों ने मारपीट की.
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क्या है बंधकों को छोड़ने का मकसद
बंधकों को छोड़ने के पीछे मानवीय पहलू नहीं बल्कि हमास का डर है. जिसने इस आतंकी संगठन को सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया है. जिस तरह की बमबारी बीते 18 दिन में गाजा पर इजरायल की तरफ से की गई है, उसने हमास आतंकियों को भारी नुकसान पहुंचाया है. बीते 24 घंटे में गाजा में 436 लोग मारे गये हैं और गाजा में अबतक 5,791 लोग मारे जा चुके हैं. इजरायल तय कर चुका है कि हमास को जड़ से खत्म करके रहेगा. 18 दिन के युद्ध के बाद हमास को जो नुकसान पहुंचा है, उससे हमास भी अंदर से सहमा हुआ है. इजरायल एक तरफ हवाई हमलों को अंजाम दे रहा है तो दूसरी तरफ जमीनी लड़ाई की तैयारी पूरी कर चुका है.
हमास ने किया ऐसा ऐलान
एक तरफ हमास युद्ध के लिए पैंतीस हज़ार लड़ाकों के तैयार होने का ऐलान कर रहा है तो दूसरी तरफ वो बंधकों को रिहा करके युद्ध से पीछे हटने पर मजबूर हो रहा है. हमास दो इजरायली महिला बंधकों को रिहा करने पर मजबूर हुआ तो इसकी वजह इजरायल की बमबारी है. जिसने गाजा में कहर बरपाया हुआ है. नेतन्याहू की हमास को खत्म करने की कसम और सेना के एक्शन से हमास सहम गया है. जिसके बाद पिछले 4 दिन में हमास ने कुल 4 बंधकों को रिहा किया है. हमास ने 4 बंधकों को दबाव और मजबूरी में रिहा किया है लेकिन उसके कब्जे में अभी भी 220 के बंधक है. हमास ने दोहरी नागरिकता रखने वाले 50 बंधकों को छोड़ने की बात कही थी लेकिन ऐन वक्त पर वो इससे मुकर गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक हमास ने इजरायल के सामने नई शर्त रखी है.
हमास ने रखी ऐसी शर्तें
हमास ने 50 बंधकों की रिहाई के बदले फ्यूल सप्लाई की मांग रखी है और गाजा पट्टी में ईंधन सप्लाई रोके जाने से बड़ा संकट पैदा हो गया है. इसके साथ अब हमास बंधकों को छोड़ने के बदले में सौदेबाजी कर रहा है. हमास ने गाजा के बच्चों को अपनी ढाल बनाया है, हमास की तरफ से कहा गया कि फ्यूल सप्लाई नहीं मिली तो अस्पताल में 130 बच्चों की जान को खतरा हो सकता है. इसकी आड़ में हमास चाहता है कि इजरायल गाजा पर हमले रोक दे लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफ संदेश दिया है कि जबतक हमास सभी बंधकों को रिहा नहीं करेगा, सीजफायर नहीं होगा. इजरायल के फ्यूल सप्लाई रोकने की वजह से गाजा में फ्यूल संकट गहराया हुआ है, इसका सबूत बीते दिनों सामने आया था. जब कुछ हथियारबंद हमास आतंकियों ने गाजा में युनाईटेड नेशन के रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी के दफ्तर से राहत सामग्री और फ्यूल लूट लिया था. इसकी जानकारी खुद सोशल मीडिया एक्स पर UNRWA ने साझा की थी हालांकि बाद में वीडियो और एक्स हटा दिया गया. इजरायल जमीनी हमले की तैयारी कर चुका है, उत्तरी गाजा के लोगों को इलाका खाली करने का इजरायल पहले ही अल्टीमेटम दे चुका है. गाजा बॉर्डर पर इजरायल के बैटल टैंक मोर्चा संभाले हुए हैं लेकिन इजरायल अभी तक जमीनी जंग में नहीं उतरा है.
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अमेरिका नहीं चाहता ऐसी कार्रवाई
अमेरिका इजरायल को हर मुमकिन मदद तो कर रहा है लेकिन अभी नहीं चाहता कि इजरायल गाजा में घुसकर कार्रवाई करे. इससे बंधक संकट गहरा सकता है, इजरायल ने करीब 4 दशक पहले वर्ष 1982 में लेबनान में जमीनी जंग लड़ी थी और वर्ष 2005 में गाजा से वापसी की थी. ऐसे में अमेरिका का मानना है कि इजरायल को गाजा में घुसकर अभी युद्ध नहीं लड़ना चाहिये. दूसरी तरफ इजरायल के एक्शन से हमास अंदर से घबराया हुआ है इसलिए अब बंधकों को छोड़ने की बातें करने लगा है. क्योंकि इजरायल में बंधकों को छुड़ाने की मांग जोर पकड़ रही है. तेल अवीव में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे नेतन्याहू पर गाजा में एक्शन लेने का दबाव बढ़ रहा है.
बढ़ रही हमास के आतंकियों की मुश्किलें
इजरायल में सरकार पर बंधकों को छुड़ाने का दबाव जिस तरह बढ़ रहा है, उससे निर्दोष लोगों की जान लेने वाले हमास आतंकियों की मुश्किलें बढ़ रही है. ऐसे में जान बचाने के लिए हमास आतंकी अब सरेंडर की तरफ बढ़ रहे हैं. इजरायल इस समय दो मोर्चे पर युद्ध लड़ रहा है, एक गाजा में हमास के खिलाफ तो दूसरी तरफ लेबनान बॉर्डर पर हिज्बुल्ला के खिलाफ. दोनों ही मोर्चे पर इजरायल पूरी ताकत के साथ जवाब दे रहा है. गाजा में किस तरह हमास आतंकियों को इजरायल ने नुकसान पहुंचाया है. आपको पता है कि लेबनान में हिज्बुल्लाह आतंकी भी इजरायल के हमलों में भारी नुकसान उठा रहे हैं. AFP की रिपोर्ट के मुताबिक लेबनान में इजरायल के हमलों में मरने वालों की संख्या 41 है, इनमें आम लोग और हिज्बुल्लाह आतंकी दोनों शामिल हैं.
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