डीएनए हिंदी: Nepal News- नेपाल में लंबी जद्दोजहद के बाद खत्म होता दिख रहा राजनीतिक संकट एक महीने बाद ही फिर से खड़ा हो गया है. नेपाली सुप्रीम कोर्ट ने देश के डिप्टी पीएम और गृह मंत्री रबि लामिछाने (Rabi Lamichhane) को पद से हटाने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने लामिछाने की नागरिकता को खारिज कर दिया है और उन्हें नागरिकता व पासपोर्ट मामले में दोषी घोषित किया है. नेपाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के इस फैसले के बाद रबि लामिछाने (Rabi Lamichhane News) की संसद सदस्यता भी खारिज हो गई है. साथ ही 'विदेशी' घोषित हो जाने के कारण उन्हें राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के चेयरमैन पद को भी छोड़ना होगा.
राबी के नेपाली नागरिक के तौर पर लिए सारे फैसले अवैध
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अमेरिकी नागरिकता छोड़ने के बाद रबि ने नेपाली नागरिक के तौर पर जो भी फैसले लिए हैं, वे अवैध हैं. कोर्ट ने माना कि रबि लामिछाने ने अपनी नेपाली नागरिकता वापस लिए बिना ही उस (अमेरिकी) नागरिकता का इस्तेमाल किया, जिसे रद्द कर दिया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रबि ने जून 2018 में अपनी अमेरिकी नागरिकता छोड़ दी थी.
क्या है नेपाल में नागरिकता से जुड़े नियम
नेपाली कानून के मुताबिक, दूसरे देश की नागरिकता लेने वाले नेपाल के नागरिक की नेपाली नागरिकता खुद ब खुद खत्म हो जाती है. इसके बाद उन्हें दोबारा नेपाली नागरिकता हासिल करने के लिए विदेशी नागरिकता छोड़कर नए सिरे से आवेदन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
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राबी ने नहीं ली दोबारा नेपाली नागरिकता
रबि के खिलाफ मुकदम दाखिल करने वाले ने याचिका में उनकी नागरिकता और सांसद के तौर पर योग्यता पर सवाल उठाया था. याचिकाकर्ता ने कहा था कि रबि ने अमेरिकी नागरिकता छोड़ने के बाद नेपाल की नागरिकता के लिए दोबारा आवेदन नहीं किया. उन्होंने नेपाल नागरिकता अधिनियम, 2006 की धारा-11 (नेपाली नागरिकता का दोबारा अधिग्रहण) के तहत नेपाली नागरिकता हासिल करने की प्रक्रिया शुरू नही की. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला लिया है.
नेपाल में राजनीतिक संकट फिर शुरू होगा
रबि लामिछाने के डिप्टी पीएम पद से हटने का असर एक महीने पहले पुष्प कुमार दहल प्रचंड के नेतृत्व में गठित सरकार पर पड़ने की संभावना है. इस सरकार में 6 दलों का गठबंधन है, जिनमें लामिछाने की राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 20 सांसद हैं. लामिछाने की सदस्यता रद्द होने पर पार्टी के 19 सांसद रह जाएंगे. लामिछाने के अलावा राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के किसी दूसरे सांसद को डिप्टी पीएम बनाने पर शायद प्रचंड तैयार नहीं होंगे, लेकिन ऐसा नहीं होने पर लामिछाने की पार्टी सरकार से हट सकती है. इससे सरकार गिरने का संकट खड़ा हो सकता है, जिसके लिए पहले से ही संसद में सबसे ज्यादा सीट वाले प्रमुख विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस तैयार बैठी है.
बहुमत नहीं गंवाएगी, लेकिन दबाव में आ जाएगी प्रचंड की सरकार
राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी यदि विवाद के बाद सरकार से हटती है तो भी प्रचंड की सरकार पर तत्काल गिरने का खतरा नहीं है. संसद में सरकार को बहुमत के लिए 138 सांसदों का समर्थन चाहिए होता है, जबकि गठबंधन की सरकार में प्रचंड की माओवादी केंद्र पार्टी के 32, केपी शर्मा ओली की सीपीएन-यूएमएल के 78, रबि लामिछाने की राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 20, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के 14, जनता समाजवादी पार्टी के 12, जनमत पार्टी के 6 और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के 4 सांसद हैं. इस लिहाज से सरकार के पास कुल 166 सांसदों का समर्थन है. ऐसे में राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 20 सांसदों के हटने पर भी सरकार में 146 सांसद रहेंगे, जो बहुमत से ज्यादा हैं. हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे प्रचंड पर सरकार चलाने के दौरान साथी दलों का दबाव ज्यादा बढ़ जाएगा, जिसका ज्यादा से ज्यादा लाभ मधेसी दल उठाने की कोशिश करेंगे.
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नेपाल में फिर राजनीतिक संकट, सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी पीएम को बताया विदेशी, एक महीना पहले बनी थी सरकार