DeepSeek: चीन (China) अपनी सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री (Semiconductor Industry) को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक नया कदम उठा रहा है. वह ASML की EUV मशीनों का एक विकल्प बनाने की दिशा में काम कर रहा है. अगर चीन इसमें सफल होता है, तो यह पश्चिमी देशों की सेमीकंडक्टर क्षमता को चुनौती दे सकता है.
चीन क्यों बदल रहा है सेमीकंडक्टर की दुनिया?
चीन की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री लंबे समय से दबाव में है, क्योंकि ASML ही EUV lithography मशीनों का एकमात्र आपूर्तिकर्ता है, जो नए और शक्तिशाली चिप्स बनाने के लिए जरूरी है. पश्चिमी देशों को डर है कि अगर चीन यह तकनीक हासिल कर लेता है, तो वह सैन्य और साइबर सुरक्षा के मामले में भी ताकतवर बन जाएगा.
रुकावटें फिर भी नहीं रुक सकतीं
अमेरिका और उसके सहयोगियों ने चीन की सेमीकंडक्टर तकनीक को कमजोर करने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं. फिर भी, Huawei का Mate 60 Pro स्मार्टफोन, जिसमें 7nm चिप का इस्तेमाल किया गया. यह दिखाता है कि चीन की चिप निर्माण क्षमता अब भी मजबूत है और प्रतिबंधों के बावजूद काम कर रही है.
चीन की बड़ी योजना
चीन ने अपनी सबसे बड़ी चुनौती पेश की है. 37 अरब यूरो का निवेश करके, वह अब Lithography तकनीक पर काम कर रहा है. अगर यह सफल हुआ, तो चीन पश्चिमी देशों को पूरी तरह से पीछे छोड़ सकता है और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकता है.
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क्या ASML की बढ़त बनी रहेगी?
ASML अपनी नई High-NA EUV तकनीक पर काम कर रहा है, जो अगले स्तर के 2nm चिप्स बनाने में सक्षम है. लेकिन सवाल यह है कि चीन इस मामले में कब तक ASML की बढ़त को चुनौती दे पाएगा. विशेषज्ञों का कहना है अगर चीन फोटोलिथोग्राफी में सफल हो जाता है, तो यह पूरी दुनिया के चिप उद्योग को बदल सकता है.
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DeepSeek महज शुरुआत है! चीन 37 अरब यूरो निवेश के साथ पश्चिमी देशों से मुकाबला करने के लिए इस मिशन पर कर रहा है काम