डीएनए हिंदी: तिब्बत पर चीन का अत्याचार कभी किसी से छिपा नहीं रहा है. लगातार अलग-अलग तरीकों से चीन कोशिश करता रहता है कि कैसे वह तिब्बत के लोगों को अपने काबू में रखे. ताजा मामला यह है कि चीन, तिब्बत के लोगों का बड़े पैमाने पर डीएनए टेस्ट (DNA Test) कर रहा है ताकि उन पर नज़र रखने के लिए उनका बायोलॉजिकल डेटाबेस (Biological Database) तैयार किया जा सके. ह्यूमन राइट्स वॉच (Human Rights Watch) की रिपोर्ट के मुताबिक, तिब्बत के कई गांवों में लोगों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं.
दुनियाभर में बायोलॉजिकल डेटाबेस और बायो सिक्योरिटी काफी चर्चा में है. ऐसे में कहा जा रहा है कि चीन अब तिब्बत के लोगों के खिलाफ साजिश रच रहा है और उनके डीएनए सैंपल लेकर डेटाबेस बना रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने ऐसा ही कुछ पूर्वी तुर्किस्तान और दक्षिण मंगोलिया में भी करने की कोशिश की है. इससे पहले चीन ने हजारों उइगर मुसलमानों की नसबंदी करने के लिए जैविक साधनों का इस्तेमाल किया था जिसके खतरनाक नतीजे सामने आ रहे हैं.
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दर्जनों जगहों पर लिए जा रहे डीएनए सैंपल
ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तिब्बत के 14 अलग-अलग इलाकों में इस तरह के सैंपल लिए जाने के मामलों की पुष्टि हुई है. इसी से यह पता चलता है कि चीन कितने बड़े लेवल पर इस तरह के काम कर रहा है. चीन ने क्राइम के मामलों की जांच पड़ताल के लिए इसी तरह की डेटा सैंपलिंग अपने देश में भी की है जहां 10 प्रतिशत पुरुषों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं.
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तिब्बती मीडिया के अनुसार, चीन लंबे समय से कोशिश कर रहा है कि तिब्बत के लोगों के जीवन पर वह असर डाले और उन्हें अपनी मर्जी के मुताबिक चलाए. तिब्बत के उन इलाकों में चीन के अत्याचार की खूब खबरें आई हैं जो पूरी तरह से चीन के कब्जे में हैं.
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Tibet के नागरिकों का डीएनए टेस्ट कर रहा चीन, हर हरकत पर नज़र रखने की है तैयारी: रिपोर्ट