बांग्लादेश में इस्कॉन के पुजारी चिन्मय प्रभु (Chinmay Prabhu Arrest) की गिरफ्तारी पर भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी है. बांग्लादेश में गिरफ्तारी के बाद कई हिंदू संगठनों ने विरोध दर्ज कराया है. सत्ता परिवर्तन के बाद से बांग्लादेश के अलग-अलग इलाकों में हिंदू मंदिरों पर हमले और हिंदुओं के उत्पीड़न की कई घटनाएं हो चुकी हैं. भारत ने हालिया घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए. विदेश मंत्रालय की ओर से इसे लेकर बयान जारी किया गया है.
बांग्लादेश के घटनाक्रम पर भारत सरकार ने जताई चिंता
भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले और हालिया घटनाओं पर अपनी चिंता व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत के प्रवक्ता और इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर अपनी चिंता जाहिर की है. चिन्मय प्रभु को जमानत नहीं मिली है और भारत ने इसे चिंतित करने वाली घटना बताया है. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'अल्पसंख्यकों के घरों और दुकानों पर हमले किए जा रहे हैं. उन्हें जलाया जा रहा है. ऐसी घटनाएं बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों के मजबूत होने और हिंदुओं पर हुए हमले के बाद हुई है.'
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बांग्लादेश में खारिज हुई चिन्मय प्रभु की जनमानत
चिन्मय प्रभु बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के बीच काफी लोकप्रिय हैं. उनकी जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है. बांग्लादेश प्रशासन ने उन पर भीड़ को भड़काने और देश के खिलाफ बयान देने समेत कई आरोप लगाए हैं. उन पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है. भारत ने जमानत अर्जी खारिज होने पर अपनी चिंता जाहिर की है. बता दें कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान में बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था.
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ISCKON के चिन्मय प्रभु गिरफ्तारी पर भारत सख्त, 'हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए'