डीएनए हिंदी: पाकिस्तान के बलूचिस्तान (Balochistan) में लगातार आजादी को लेकर संघर्ष जारी है. दूसरी ओर स्थानीय नागरिकों के विरोध के बावजूद चीन से बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट तक जाने वाले सीपीईसी (CPEC) को लेकर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर बलूचिस्तान में पाकिस्तानी आर्मी के अत्याचारों से लेकर चीन के बढ़ते दखल पर बलोच कार्यकर्ताओं ने भारत से मदद की गुहार लगाई है और चीन को बलूचिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है.
दरअसल, बलूचिस्तान की बलोच कार्यकर्ता प्रोफेसर नाएला कादरी बलूच भारत में हैं और देश का दौरा कर निर्वासित बलूचिस्तान सरकार के लिए समर्थन जुटा रही है. वे भारत से समर्थन मांगते हुए बलूच स्वतंत्रता के संघर्ष को भी उजागर कर रही हैं. उन्होंने अपने एक बयान में कहा, "बलूचिस्तान में गृहयुद्ध चल रहा है. आजादी के लिए संघर्ष जारी है. छोटी लड़कियां और लड़के संघर्ष कर रहे हैं. पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ़ कहा जाता है. मैं इस आतंकवाद के गढ़ को खत्म करने और बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए भारत सरकार से मदद चाहती हूं."
China–Pakistan Economic Corridor (CPEC) is a death sentence for Balochistan. It's not an economic project, but a military one. No country has the right to sell Baloch ports. They're displacing us from our ancestral lands to build Chinese&Pakistani settlements: Naela Quadri Baloch pic.twitter.com/ig7TB9k825
— ANI (@ANI) July 23, 2022
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नाएला कादरी बलूच ने कहा, "बलूचिस्तान के लिए चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) मौत की सजा है. यह एक आर्थिक परियोजना नहीं है बल्कि एक सैन्य परियोजना है. किसी भी देश को बलूच बंदरगाहों को बेचने का अधिकार नहीं है. वे हमें चीनी और पाकिस्तानी बस्तियों के निर्माण के लिए हमारी पुश्तैनी जमीन से विस्थापित कर रहे हैं."
आपको बता दें कि बलोच कार्यकर्ताओं ने अपनी एक निर्वासित सरकार बनाई है. इसके साथ ही अब इसके समर्थन जुटाने के लिए अलग-अलग राष्ट्रों से समर्थन मांग रहे हैं जिसके तहत अब बलोच कार्यकर्ता भारत से भी समर्थ जुटा रहे हैं. इससे पहले भारत ने भी बलूचिस्तान में चल रहे संघर्ष और पाकिस्तानी सेना की ज्यादतियों की आलोचना की है.
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इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर तक चीन की चाइन पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर योजना का विरोध करते हुए इसे दक्षिण एशिया के लिए एक खतरा बता चुके हैं. ऐसे में अब एक बार फिर बलोच कार्यकर्ताओं ने इस भारत से मदद मांगकर बलूचिस्तान के मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज्वलंत कर दिया है.
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'Pakistan में CPEC है मौत की सजा', बलोच कार्यकर्ता की भारत से अपील- बलूचिस्तान की मदद करें