डीएनए हिंदी: अमेरिका (America) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के काबुल में छिपे अलकायदा सरगना अयमान अल-ज़वाहिरी (Ayman al-Zawahiri) को एक ड्रोन हमले में ढेर कर दिया. अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमलों की साजिश अल-ज़वाहिरी और ओसामा बिन-लादेन ने मिलकर रची थी. ओसामा बिन-लादेन को यूएस नेवी सील्स ने दो मई 2011 को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में एक अभियान में मार गिराया था. ज़वाहिरी अमेरिकी कार्रवाई में ओसामा बिन-लादेन के मारे जाने के बाद अल-कायदा का सरगना बना था. लादेन के मारे जाने के बाद यह वैश्विक आतंकवादी नेटवर्क को सबसे बड़ा झटका है.
अल कायदा के नेता अयमान अल-ज़वाहिरी ने सालों तक कश्मीर में एंट्री लेने की कोशिश की लेकिन उसे कोई कामयाबी हासिल नहीं हुई. उसके नेतृत्व वाले आतंकी संगठन ने एक के बाद एक भारत को लगातार धमकी दी है. इस साल भी अल कायदा ने भारत को धमकी दी थी.
Ayman al-Zawahiri Killed: मारा गया अल ज़वाहिरी, अमेरिका ने काबुल में किया ड्रोन अटैक
भारत के लिए बड़ी राहत क्यों है अल ज़वाहिरी की मौत?
अल-ज़वाहिरी हमेशा कहता आया है कि कश्मीर और फिलिस्तीन की हालत एक जैसी है. उसने भारत का समर्थन करने के लिए सऊदी अरब जैसे इस्लामी देशों की भी आलोचना की थी.
अल कायदा से संबद्ध अंसार गजवत-उल-हिंद का गठन 2017 में कश्मीर में हुआ था लेकिन आतंकवादी जाकिर मूसा के समाप्त होने के बाद यह संगठन खत्म हो गया था. साल 2014 में, अल जवाहिरी ने इस्लामिक एकता के बारे में बोलते हुए भारत पर अपना पहला बयान जारी किया था. उसने अप्रैल में भी हिजाब पर एक बयान जारी किया था.
कौन था अल-ज़वाहिरी?
अल ज़वाहिरी ने भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा का क्षेत्रीय संगठन बनाने में भी भूमिका निभाई थी. ज़वाहिरी काबुल स्थित एक मकान में अपने परिवार के साथ छिपा था. मिस्र के 71 वर्षीय सर्जन जवाहिरी पर 2.5 करोड़ डॉलर का इनाम था. उसने पहले ओसामा बिन लादेन की छत्रछाया में काम किया और बाद में उसके उत्तराधिकारी के तौर पर अलकायदा की बागडोर संभाली. 2011 में लादेन के मारे जाने के करीब 11 साल बाद ज़वाहिरी मारा गया.
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कहां छिपा था ज़वाहिरी?
ज़वाहिरी एक मकान की बालकनी में था कि तभी ड्रोन से उस पर दो मिसाइल दागी गईं. उसके परिवार के बाकी सदस्य भी वहां मौजूद थे, लेकिन उन्हें कोई चोट नहीं आई है और केवल ज़वाहिरी मारा गया है. बाइडन ने कहा कि 9/11 हमलों की साजिश रचने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका थी. अमेरिकी सरजमीं पर हुए सबसे घातक इस हमले में 2,977 लोग मारे गए थे. दशकों तक उसने अमेरिकियों के खिलाफ कई हमलों की साजिश रची.
कई देशों के लिए खतरा था ज़वाहिरी
ज़वाहिरी मिस्र के एक प्रतिष्ठित परिवार से नाता रखता था. उसके दादा रबिया अल-ज़वाहिरी काहिरा के प्रतिष्ठित अल-अजहर विश्वविद्यालय में इमाम थे. उसके एक रिश्तेदार अब्देल रहमान आजम अरब लीग के पहले सचिव थे. ज़वाहिरी ने 1998 में केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर हुए हमलों को अंजाम देने में भी बड़ी भूमिका निभाई थी. सितंबर 2014 में, ज़वाहिरी ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में पनाहगाहों का फायदा उठाते हुए भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) के गठन की घोषणा की थी.
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ज़वाहिरी ने तब कहा था, 'अलकायदा की एक नई शाखा भारतीय उपमहाद्वीप में कायदा अल-जिहाद का गठन, जिहाद का झंडा ऊंचा करने और भारतीय उपमहाद्वीप में इस्लामी शासन वापस लाने के लिए किया गया है.' (इनपुट- भाषा)
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अल-ज़वाहिरी का खात्मा भारत के लिए क्यों है राहत की बात, क्या था अलकायदा चीफ का नापाक मंसूबा?