Adani Power : बांग्लादेश में बिजली संकट गहराता जा रहा है और इसका बड़ा कारण अडानी पावर झारखंड लिमिटेड (APJL) द्वारा बिजली आपूर्ति में कटौती करना है. कंपनी ने बकाया बिलों के कारण बांग्लादेश में भेजे जा रहे बिजली सप्लाई को आधा कर दिया है. अडानी पावर की ओर से बताया गया कि बांग्लादेश को लगभग 84.6 करोड़ डॉलर का भुगतान करना बाकी है, जिस कारण से पावर सप्लाई में कमी लानी पड़ी है. मिली जानकारी के मुताबिक, APJL ने गुरुवार रात से अपनी सप्लाई आधी कर दी है, जिससे बांग्लादेश में बिजली की मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं हो पा रही है.अडानी समूह के तरफ से बांग्लादेश कि सरकार को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि अगर 7 नवंबर तक बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया तो देश में बिजली आपूर्ति और भी ज्यादा प्रभवित हो सकती है.
बता दें कि अडानी पावर का झारखंड प्लांट बांग्लादेश के लिए सबसे बड़ा बिजली आपूर्तिकर्ता है. वर्तमान स्थिति में NTPC और बांग्लादेश इंडिया फ्रेंडशिप पावर कंपनी (BIFPC) का बागेरहाट स्थित रामपाल प्लांट और SS पावर . प्लांट कोयले की कमी के कारण पहले से ही आधी क्षमता पर काम कर रहे हैं. ऐसे में अडानी की सप्लाई में कटौती से बिजली संकट और गहरा गया है.
ऊर्जा सचिव को किया आगाह
बांग्लादेश की मीडिया 'द डेली स्टार' कि एक रिपोर्ट के मुताबिक अडानी पावर ने बांग्लादेश के ऊर्जा सचिव को पहले ही आगाह कर दिया था कि यदि 30 अक्टूबर तक बकाया भुगतान नहीं किया गया, तो उन्हें पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं. 27 अक्टूबर को अडानी पावर द्वारा भेजे गए पत्र में यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि कंपनी बिलों का भुगतान न होने की स्थिति में सप्लाई रोकने पर विचार करेगी. इसके बावजूद, पीडीबी ने भुगतान नहीं किया, जिसके बाद 31 अक्टूबर को बिजली आपूर्ति को निलंबित कर दिया गया.
बड़े पैमाने पर हो सकती है बिजली संकट
झारखंड स्थित इस प्लांट को 800 मेगावाट की क्षमता वाले दो यूनिट में से एक को बंद करने की नौबत आ गई है. इसका सीधा असर यह है कि बांग्लादेश को बिजली सप्लाई की आधी मात्रा ही मिल पा रही है. अगर जल्द ही बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो बांग्लादेश को बड़े पैमाने पर बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है.
बांग्लादेश को अल्टिमेटम
अडानी पावर ने यह भी आरोप लगाया है कि बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (पीडीबी) ने बांग्लादेश कृषि बैंक से 17 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा का भी लाभ नहीं उठाया और न ही 84.6 करोड़ डॉलर का बकाया चुकाया है. बहरहाल, इस समय बिजली की आपूर्ति बाधित होने से बांग्लादेश के उद्योग और घरेलू जीवन पर भी गहरा असर पड़ेगा. अगर बकाया राशि का भुगतान जल्द नहीं हुआ, तो अडानी पावर अपने पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत आगे और भी कड़े कदम उठा सकती है.
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