डीएनए हिंदी: Tharman Shanmugaratnam News- सिंगापुर के पूर्व उप प्रधानमंत्री थर्मन शनमुगरत्नम ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में भारी मतों से जीत हासिल की है.न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सिंगापुर चुनाव विभाग के हवाले से बताया है कि शनमुगरत्नम को राष्ट्रपति पद के चुनाव में 70.4 फीसदी वोट मिले हैं. चुनाव विभाग ने शुक्रवार (1 सितंबर) को उनकी जीत की घोषणा कर दी है. थर्मन शनमुगरत्नम (Tharman Shanmugaratnam) अब पूर्व राष्ट्रपति हलीमा याकूब की जगह लेंगे. थर्मन भी हलीमा की तरह भारतीय मूल के ही हैं यानी उनके पूर्वज भारत से ही सिंगापुर पहुंचे थे. इस तरह हलीमा के पद से हटने के बावजूद सिंगापुर में 'भारतीय राज' ही बना रहेगा.
चीन को दी है इस चुनाव में भारत ने मात
थर्मन की जीत के साथ ही सिंगापुर के राष्ट्रपति पद के चुनाव में एक तरीके से भारत ने चीन को मात दे दी है. दरअसल थर्मन के सामने राष्ट्रपति पद पर चुनाव के लिए दो उम्मीदवार एनजी कोक सोन्ग और टैन केन लियान खड़े हुए थे. ये दोनों ही उम्मीदवार चीनी मूल के हैं. ऐसे में उनकी हार और भारतीय मूल के थर्मन की जीत को भारत-चीन से जोड़कर देखा जा रहा है.
शुक्रवार को ही हुआ मतदान, रात में ही आ गए सैंपल रिजल्ट
थर्मन और बाकी दोनों उम्मीदवार सिंगापुर में नौवें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए उम्मीदवार थे. इसके लिए शुक्रवार (1 सितंबर) को ही मतदान हुआ था, जिसमें सिंगापुर के 27 लाख से ज्यादा वोटर्स ने जमकर मतदान किया था. देर रात करीब 8 बजे तक मतदान के बाद तत्काल मतगणना कराई गई. रात में ही चुनाव आयोग ने सैंपल रिजल्ट घोषित कर दिए, जिसमें बाजी थर्मन शनमुगरत्नम के नाम रही है. 75 साल के सोन्ग को 16 फीसदी और 75 साल के ही लियान को 14 फीसदी वोट मिले हैं. चुनाव आयोग मतगणना के बाद फाइनल रिजल्ट शनिवार सुबह तक घोषित करेगा, जो अब महज औपचारिकता माना जा रहा है.
सिंगापुर के मशहूर अर्थशास्त्री हैं थर्मन
66 साल के थर्मन की गिनती सिंगापुर के मशहूर अर्थशास्त्रियों में होती है. साल 2001 में राजनीति में आए थर्मन सिंगापुर सरकार में उप प्रधानमंत्री पद संभाल चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने शिक्षा और वित्त मंत्री के पद भी संभाले हैं. वे दो दशक से भी ज्यादा समय तक सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) के साथ कई पोर्टफोलियो में काम कर चुके हैं. उन्हें सिंगापुर के वरिष्ठ राजनेताओं में से गिना जाता है. थर्मन के सामने मौजूद दोनों चीनी उम्मीदवार भी सिंगापुर के बेहद प्रतिष्ठित प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं. एनजी कोक सोन्ग सरकारी स्वामित्व वाली सिंगापुर इन्वेस्टमेंट कॉर्प (GIC) के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर रहे हैं, जबकि टैन किन लियान सरकारी बीमा कंपनी NTUC Income के पूर्व प्रमुख रहे हैं.
14 सितंबर को पद संभालेंगे थर्मन
सिंगापुर की मौजूदा राष्ट्रपति हलीमा याकूब का कार्यकाल 13 सितंबर को पूरा होगा. इसके बाद 14 सितंबर को थर्मन शनमुगरत्नम सिंगापुर के नए राष्ट्रपति के तौर पर कामकाज संभालेंगे. हलीमा याकूब को साल 2017 में सिंगापुर की पहली महिला राष्ट्रपति चुना गया था. साल 2017 के चुनाव में केवल मलय समुदाय के सदस्यों को ही चुनाव लड़ने की अनुमति मिली थी यानी वह आरक्षित चुनाव था. इस चुनाव में केवल हलीमा ही उम्मीदवार के तौर पर मैदान में थीं और निर्विरोध राष्ट्रपति चुनी गई थीं. सिंगापुर में 28 अगस्त, 1993 से राष्ट्रपति पद के चुनाव हो रहे हैं.
शनमुगरत्नम के पिता थे मशहूर कैंसर रिसर्चर
थर्मन शनमुगरत्नम का जन्म 25 फरवरी, 1957 को हुआ था. उनके पिता भारतीय तमिल मूल के हैं, जबकि मां चीनी मूल की हैं. उनके पिता कंगरत्नम शनमुगरत्नम (Kanagaratnam Shanmugaratnam) की गिनती सिंगापुर के मशहूर पैथोलॉजिस्ट और कैंसर रिसर्चर के तौर पर होती है. थर्मन की मां एक घरेलू महिला थीं.
चार भाषाएं बोलने में माहिर, ब्रिटेन-अमेरिका में हुई पढ़ाई
भारत, चीन और सिंगापुर की मिली-जुली संस्कृति में पलने के कारण थर्मन चार भाषाओं अंग्रेजी, तमिल, मलय और मैंडेरिन बोलने व समझने में माहिर हैं. थर्मन ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से बैचलर डिग्री ली है, जबकि उन्होंने इकोनॉमिक्स में मास्टर डिग्री कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से हासिल की है. इसके अलावा वह हावर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में भी मास्टर डिग्री ले चुके हैं.
स्कूल में लिख चुके कविता की किताब
थर्मन को कविता लिखने का भी शौक है. वे स्कूल टाइम में ही अपने एक क्लासमेट के साथ मिलकर कविता की किताब भी लिख चुके हैं. थर्मन ने अपना करियर मॉनिएटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर (MAS) से शुरू किया था, जो भारत के रिजर्व बैंक की तरह ही सिंगापुर का सेंट्रल बैंक और फाइनेंशियर रेगुलेटर है. थर्मन बाद में MAS के चेयरमैन पद तक पहुंचे. बाद में वे GIC के डिप्टी चेयरमैन भी रहे. साल 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी (Global Financial Crisis) में अपनी आर्थिक सलाहों के जरिये सिंगापुर को इसके प्रभाव से बचाने के लिए पूरी दुनिया में सराहे गए. साल 2001 में राजनीति में प्रवेश के बाद थर्मन को साल 2011 में सिंगापुर का उप प्रधानमंत्री चुना गया था.
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Tharman Shanmugaratnam कौन हैं, जिनके राष्ट्रपति बनने से सिंगापुर में कायम रहेगा 'भारतीय राज'