डीएनए हिंदी: Russia Ukraine War- यूक्रेन में चल रही लड़ाई में डेढ़ साल बाद भी सफलता नहीं मिलने से परेशान रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के खिलाफ विद्रोह हो गया है. रूस की तरफ से यूक्रेन में तैनात किराये के लड़ाकों वाले वेगनर मर्सिनरी ग्रुप ने अब उसके ही खिलाफ 'भस्मासुर' बन गया है. वेगनर ग्रुप ने रूस के खिलाफ बगावत कर दी है. इसमें उसे यूक्रेनी सेना का भी समर्थन मिलने की बात कही जा रही है. ABC News के मुताबिक, वेगनर पीएमसी ग्रुप के चीफ येवेगनी प्रिगोझिन (Wagner mercenary chief Yevgeny Prigozhin) ने ऐलान किया है कि उसके लड़ाके यूक्रेन से सीमा पार कर रूस में घुस चुके हैं और रूसी सेना के खिलाफ 'हर तरह का कदम' उठाने के लिए तैयार हैं. दुनिया भर में सैन्य टकराव की निगरानी करने वाले स्वतंत्र संगठन OSINT Defender ने भी दावा किया है कि वेगनर ग्रुप के लड़ाकों ने रूस के दक्षिणी सैन्य हेडक्वार्टर पर कब्जा कर लिया है, जो रूस्तोव-ऑन-़डॉन शहर में मौजूद है. हालांकि इस दावे की कहीं और से पुष्टि नहीं हो सकी है. इसके बाद रूस ने प्रिगोझिन पर विद्रोह की कोशिश का आरोप लगाते हुए मास्को की सुरक्षा में टैंक तैनात कर दिए हैं. मास्को की सड़कों के अलावा भी रूसी सत्ता के केंद्र क्रेमलिन के आसपास भी सैन्य वाहनों और बख्तरबंद गाड़ियों का जमावड़ा है. इसके अलावा पुतिन एक प्रिगोझिन पर रूस की तरफ से विद्रोह के आरोप इसलिए अहम हैं, क्योंकि प्रिगोझिन को पुतिन का विश्वसनीय माना जाता रहा है और यूक्रेन पर कब्जे के लिए भी रूसी राष्ट्रपति ने अपनी सेना के साथ ही प्रिगोझिन के लड़ाकों को भी लड़ाई में उतारा हुआ है.
The head of Russia's Wagner Group mercenary organization has for the first time publicly rejected Moscow's official justifications for the war in Ukraine, marking a new milestone in the monthslong feud between Prigozhin and Russia’s top military brass https://t.co/kHWQZRrJmR pic.twitter.com/D83Rz0CQPo
— Reuters (@Reuters) June 24, 2023
प्रिगोझिन की चल रही है रूसी जनरलों से तनातनी
प्रिगोझिन और रूसी सेना के टॉप जनरलों के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है. अब यह तनातनी शीर्ष पर पहुंच गई है, क्योंकि रूस की FSB सिक्योरिटी सर्विस ने प्रिगोझिन के खिलाफ आपराधिक मामला शुरू कर दिया है. TASS न्यूज एजेंसी के मुताबिक, FSB ने वेगनर प्राइवेट कंपनी मिलिट्री फोर्स को प्रिगोझिन के आदेश नहीं मानने और उसे गिरफ्तार करने के लिए कहा है. प्रिगोझिन पिछले कई महीनों से सोशल मीडिया पर यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में अपनी भूमिका को सीमित करने के प्रयासों को लेकर रूसी अधिकारियों की आलोचना कर रहे हैं. खासतौर पर वे रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू और रूसी जनरल वैलेरी जेरासिमोव पर हमलावर रहे, जिन पर उन्होंने अपनी सेनाओं को हथियार और अन्य सपोर्ट उपलब्ध करा पाने में असफल रहने का आरोप लगाया.
The Wagner PMC Group has announced that they have Captured the Southern Military District Headquarters within the the City of Rostov-on-Don in the Rostov Region of Southwestern Russia. pic.twitter.com/730rL9uetq
— OSINTdefender (@sentdefender) June 24, 2023
यूक्रेन में वेगनर कैंप पर हमले के बाद विद्रोह का ऐलान
द सन की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन के बखमुत शहर में वेगनर ट्रेनिंग कैंप पर पिछले सप्ताह हुए मिसाइल हमले के बाद प्रिगोझिन की रूस से तनातनी बढ़ी है. उन्होंने इसके लिए क्रेमलिन को दोषी ठहराकर रूस से बदला लेने की कसम खाई है. इसके बाद ही शनिवार को प्रिगोझिन ने कहा, हम मास्को जा रहे हैं, और जो कोई भी हमारे सेंटर्स में प्रवेश करेगा, वह इसके लिए जवाबदेह होगा. बताया जा रहा है कि प्रिगोझिन ने 25,000 लड़ाके रूस के खिलाफ उतार दिए हैं, जो रूस में घुस गए हैं. ये लड़ाके नोवोचेर्कस्क जा रहे हैं, जहां रूसी सेना का हेडक्वार्टर है. इसके बाद रूस में सेना की गहमागहमी बढ़ गई है और हर तरफ टैंक व बख्तरबंद गाड़ियां नजर आ रही हैं.
किराये के हत्यारों का समूह है वेगनर ग्रुप
वेगनर ग्रुप (Who is Wagner Group) खुद के 'प्राइवेट मिलिट्री कंपनी' कहता है. हालांकि अमेरिका आदि देश इसे 'किराये के हत्यारों' का समूह कहते हैं. इस समूह का ऑफिशियल नाम PMC Wagner है. इसकी सबसे पहले चर्चा साल 2014 में रूस के यूक्रेन पर हमला कर क्रीमिया पर कब्जा करने के दौरान हुई थी. यह समूह पुतिन के समर्थन से पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादी समूहों की मदद के लिए वहां पहुंचा था. उस समय तक यह एक सीक्रेट संगठन था, जो ज्यादातर अफ्रीका और मध्य पूर्व के देशों में एक्टिव था. इस समूह पर लीबिया और यमन के गृहयुद्ध में रूस समर्थक गुटों के समर्थन में लड़ाई करने का आरोप है. वहां इस समूह पर अमेरिका और उसके मित्र देशों ने बड़े पैमाने पर नरसंहार करने का भी आरोप लगाया है.
चेचन्या विद्रोह से जुड़े रूसी अफसर ने की थी शुरुआत
BBC की जांच में सामने आया था कि वेगनर ग्रुप की शुरुआत चेचन्या में विद्रोह से जुड़े रहे रूसी सेना के वेटरन अफसर दिमित्री उत्किन ने की थी. उन्हें ही वेगनर का पहला फील्ड कमांडर माना जाता है. इस समूह का नाम उनका ही रूसी सेना के समय का रेडियो कॉल साइन है.
मौजूदा चीफ प्रिगोझिन है पुतिन का पूर्व शेफ
वेगनर ग्रुप का मौजूदा चीफ येवेजेनी प्रिगोझिन एक बेहद अमीर बिजनेसमैन है, जिसका निकनेम 'पुतिन का शेफ' है. यह निकनेम प्रिगोझिन को इसलिए मिला हुआ है, क्योंकि उसकी कंपनी रूसी सत्ता के केंद्र क्रेमलिन में केटरिंग सर्विस प्रोवाइड करती थी.
रूसी सेना के रिटायर जवान हैं वेगनर ग्रुप में
वेगनर ग्रुप में साल 2014 में करीब 5,000 लड़ाके थे, जिनमें से 90% रूसी सेना की एलीट रेजीमेंट्स और स्पेशल फोर्स के पूर्व सैनिक थे. इस साल जनवरी में रूस के रक्षा मंत्रालय ने वेगनर ग्रुप में करीब 50,000 लड़ाके होने की जानकारी दी थी. रूस के यूक्रेन में लड़ाई छेड़ने के बाद अपनी रेगुलर सेना के लिए जवान नहीं तलाश पाने की असफलता के बाद पुतिन ने वेगनर ग्रुप को ही वहां उतारा था. यूएस सिक्योरिटी काउंसिल ने साल 2023 की शुरुआत में कहा था कि यूक्रेन में एक्टिव होने के बाद वेगनर ग्रुप ने बड़े पैमाने पर लड़ाकों की भर्ती की है. इनमें से ज्यादातर को जेलों से निकालकर लाया गया है.
रजिस्टर्ड प्राइवेट कंपनी, अमेरिका बता चुका अपराधी समूह
वेगनर ग्रुप भले ही किराये के लड़ाकों का समूह है, लेकिन दिखावे के लिए वह एक प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी के तौर पर रजिस्टर्ड है. इसका रजिस्ट्रेशन साल 2022 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में मुख्यालय दिखाकर कराया गया था. बताया जाता है कि यह काम पुतिन के आदेश पर ही किया गया था, क्योंकि रूस में किराये के लड़ाकों का समूह रखना गैरकानूनी है. प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी के तौर पर रजिस्ट्रेशन के बाद पुतिन के लिए वेगनर ग्रुप को ऑफिशियली यूक्रेन में तैनात करने की कानूनी राह खुल गई थी. वेगनर ग्रुप को अमेरिका की तरफ से अपराधी समूह घोषित किया जा चुका है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
यूक्रेन में पुतिन का अहम हथियार अब बना 'भस्मासुर', जानिए कौन है वेगनर ग्रुप, जिसने रूस के खिलाफ की बगावत