Viral News: बिहार के सिवान जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने राज्य की पुलिस व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं. असाव थाना में तैनात सब-इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार मांझी रिश्वत के लालच में इस हद तक गिर गए कि उन्होंने सिर्फ 20 हजार रुपये ही नहीं, बल्कि एक वाशिंग मशीन तक की मांग कर डाली. रिश्वत की यह डील अस्पताल रोड पर फिक्स हुई थी, लेकिन दरोगा साहब को यह नहीं पता था कि निगरानी विभाग की टीम पहले से ही वहां जाल बिछा चुकी है.
शिकायतकर्ता ने खोला घूसखोरी का राज
ससराव गांव निवासी चंदन कुमार यादव ने जब अपने परिवार पर दर्ज मारपीट के केस में मदद की गुहार लगाई, तो एसआइ मांझी ने उन्हें मदद की कीमत 20 हजार रुपये और एक वाशिंग मशीन बताई. पहले तो चंदन ने टालमटोल किया, लेकिन लगातार दबाव बढ़ने पर उसने निगरानी विभाग से संपर्क किया. उसके बाद पूरी योजना बनी और जाल बिछाया गया. जैसे ही मांझी ने रकम और सामान लिया, टीम ने उन्हें रंगे हाथ दबोच लिया. अब पूरे थाने में हड़कंप मच गया है और कई अन्य अफसरों की भूमिका भी जांच के घेरे में आ चुकी है. मंगलवार की देर शाम, जैसे ही चंदन ने तय जगह अस्पताल रोड पर मांझी को रकम और वाशिंग मशीन सौंपी, वैसे ही निगरानी टीम ने दबिश दी. गिरफ्तारी के बाद मांझी को सिवान परिसदन ले जाया गया, जहां पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए.
थाने में चलता था ‘बंटवारा सिस्टम’?
सूत्रों के अनुसार, घूस की रकम सिर्फ मांझी तक सीमित नहीं रहती थी. रकम का बकायदा 'बंटवारा' थाने के अन्य अफसरों के बीच होता था। फिलहाल निगरानी विभाग अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रहा है. बिहार पुलिस में व्याप्त भ्रष्टाचार की यह कहानी चौंकाने वाली जरूर है, लेकिन नई नहीं. फर्क बस इतना है कि इस बार लालच की कीमत एक वाशिंग मशीन भी थी.
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बिहार में वाशिंग मशीन के लालच में बुरी तरह फंसे दरोगा साहब, थाने में मच गया हड़कंप