डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश से एक बेहद दर्दनाक मामला सामने आया था. यहां श्योपुर में 10 साल के एक मासूम को मगरमच्छ ने अपना निवाला बना लिया. घटना श्योपुर के रघुनाथपुर थाने के रीझेटा गांव की है. बताया जा रहा है कि रीझेटा गांव निवासी अतर सिंह केवट अपने दोस्तों के साथ चंबल नदी में नहाने गया था, इस दौरान वहां अचानक मगरमच्छ आ गया और बच्चे को खींचते हुए गहरे पानी में ले गया. इस घटना के बाद गांववालों ने मिलकर मगरमच्छ को पकड़ा और उसके मुंह में एक लड़की फसा दी. लोगों का कहना था कि मगरमच्छ बिना चबाए ही खाना निगल जाता है तो हो सकता है कि बच्चा उसके पेट में अंदर जिंदा ही हो. हालांकि, ऐसा कुछ नहीं था. बच्चे का शव नदी से बरामद किया गया. काफी देर तक समझाने के बाद लोगों ने मगर को छोड़ा. इसके बाद वन विभाग की टीम उसे बहुत दूर जाकर नदी में छोड़ आई.
अब यह खबर पढ़ने के बाद कई लोगों के मन में एक सवाल आया कि आखिर इतने तेज दांत होने के बाद भी मगरमच्छ अपने शिकार को बिना चबाए उसे निगल क्यों जाता है. जीव विज्ञानी भी कहते हैं कि चाहे इंसान हो या कोई दूसरा शिकार, मगरमच्छ कभी भी उसे चबाता नहीं है. वह शिकार को पकड़ता है, अपने जबड़ों में फंसाता है, दबाता है और निगल जाता है. क्या आप इसके पीछे की वजह के बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं.
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शिकार को चबाता क्यों नहीं है मगरमच्छ?
दरअसल, मगरमच्छ के मुंह में दांत ऐसी जगह होते हैं कि वह चाहकर भी अपने खाने को चबा नहीं सकते. मगर के मुंह में किनारों पर दांत होते हैं इसलिए वह शिकार को चबाए बिना ही निगल जाते हैं.
फिर कैसे पचता है खाना?
विशेषज्ञों की मानें तो अन्य जीवों के मुकाबले मगरमच्छ के पेट में गैस्ट्रिक एसिड की मात्रा ज्यादा होती है जो खाने को पचाने में मदद करती है. इसके अलावा मियामी साइंस म्यूजियम के विशेषज्ञों का कहना है कि मगरमच्छ छोटे-छोटे कंकड़-पत्थर भी खाता है. ये पत्थर भी उसके पेट में जाकर भोजन को पीसने का काम करते हैं.
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पेट में कितनी देर जिंदा रहता है शिकार?
जीव विज्ञानियों के मुताबिक, मगरमच्छ काफी मजबूती से अपने शिकार को जबड़ों में जकड़ता है. एक बार शिकार उसके जबड़े में फंस जाए तो उसे छुड़ाना काफी मुश्किल हो जाता है. वहीं, किसी तरह उसके मजबूत जबड़ों से शिकार बच भी जाए तो जैसे ही वह उसके पेट में जाता है, उसकी ताकतवर मांसपेशियां शिकार के शरीर को तोड़ने लगती हैं और फिर पेट में मौजूद सारे एसिड शिकार को गलाना शुरू कर देते हैं. यह एसिड किसी भी शिकार को 10 से 12 दिन में पचा कर खत्म कर देता है.
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शिकार को चबाता क्यों नहीं है मगरमच्छ, बिना चबाए कैसे पचता है खाना?