दुनिया में तमाम देश हैं जहां एक ही जेंडर के दो लोग इश्क़ में नहीं पड़ सकते. मर्द, मर्द से प्यार नहीं कर सकता और औरतों से कहा जाता है कि वो भी किसी दूसरी औरत से दिल्लगी न करें. इंडोनेशिया के आचेह प्रांत का भी हिसाब किताब कुछ-कुछ ऐसा ही है. दरअसल इंडोनेशिया के रूढ़िवादी आचेह प्रांत में बीते दिन दो लोगों को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे गए हैं. इन दोनों का दोष बस इतना था कि ये एक दूसरे की मुहब्बत की गिरफ्त में थे. ध्यान रहे कि आचेह एक ऐसा प्रांत हैं जहां सख्त इस्लामी कानून हैं और यही वो कारण है जिसके चलते अदालत ने एक दूसरे के प्यार में पड़े दोनों लोगों को यौन संबंधों का दोषी पाया है.
जबकि दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया में समलैंगिक यौन संबंध कहीं और अवैध नहीं है. आचेह में इसे गैरकानूनी करार दिया गया है, दिलचस्प यह कि आचे वो जगह है जहां शरिया, इस्लामी कानूनी संहिता का संस्करण लागू होता है.
बताया जा रहा है कि प्रांतीय राजधानी बांदा आचेह के एक पार्क में यह सजा हुई है. सजा में एक व्यक्ति को 82 बार तो दूसरे व्यक्ति को 77 बार कोड़े मारे गए हैं. एएफपी के एक पत्रकार के अनुसार, दर्जनों लोगों की मौजूदगी में दोनों को बुरी तरह से छड़ी से पीटा गया.
Pemerintah Kota Banda Aceh, melakukan Uqubat Cambuk terhadap terpidana pasangan Gay yang melanggar syariat Islam di Aceh, Kamis (27/2) siang. 🎥Fij#BeritaElshinta pic.twitter.com/pfLXsRm8bJ
— Radio Elshinta (@RadioElshinta) February 27, 2025
बताया यह भी गया कि चूंकि दोनों को हिरासत में लिए हुए तीन महीने हो गए थे इसलिए उनकी सजा में से तीन-तीन कोड़े कम कर दिए गए.
क्या था मामला
बीते नवंबर में, स्थानीय लोगों ने बांदा आचेह में एक किराए के कमरे पर छापा मारा और दोनों पुरुषों, जो एक स्थानीय विश्वविद्यालय में छात्र थे, को आपत्तिजनक अवस्था में पाया. यौन संबंधों के कथित अपराध के लिए उन्हें शरिया पुलिस के पास ले जाया गया.
मानवाधिकार अधिवक्ताओं ने इस सज़ा की निंदा करते हुए इसे देश में LGBTQ लोगों के खिलाफ़ भेदभाव की व्यापक प्रवृत्ति का हिस्सा बताया. ह्यूमन राइट्स वॉच के इंडोनेशिया शोधकर्ता एंड्रियास हरसोनो ने AFP को बताया कि, 'आचे में LGBTQ व्यक्तियों के खिलाफ़ धमकी, भेदभाव और दुर्व्यवहार एक अथाह कुएं की तरह है.'
वहीं कहा यह भी गया है कि,'आचेह सरकार को इन गलतियों से सीखना चाहिए और अपने इस्लामी आपराधिक कोड की समीक्षा करनी चाहिए.' क्योंकि इस सजा को लेकर स्थानीय शरिया कानून की आलोचना हो रही, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस सज़ा को दो लोगों के खिलाफ़ 'भेदभाव का भयावह कृत्य' कहा है.
Two men publicly flogged in Indonesia for gay sex.
— AFP News Agency (@AFP) February 27, 2025
One man accused of instigating the relationship was lashed 82 times and the second man 77 timeshttps://t.co/CiFpfa5sLE pic.twitter.com/YQmR5XaPas
एमनेस्टी के उप क्षेत्रीय निदेशक मोंटेसे फेरर ने एक बयान में कहा कि, 'सहमति से वयस्कों के बीच अंतरंग यौन संबंधों को कभी भी अपराध नहीं माना जाना चाहिए, और किसी को भी उनके वास्तविक या कथित यौन अभिविन्यास के कारण दंडित नहीं किया जाना चाहिए.'
गौरतलब है कि आचेह इंडोनेशिया का एक ऐसा प्रांत है जहां जुआ खेलने, शराब पीने और व्यभिचार जैसे कई अपराधों के लिए आबादी के बीच बेंत मारने का प्रावधान है.
बताया यह भी जाता है कि इस क्षेत्र ने 2001 में विशेष स्वायत्तता दिए जाने के बाद धार्मिक कानून का उपयोग करना शुरू किया, जो लंबे समय से चल रहे अलगाववादी विद्रोह को दबाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किया गया एक प्रयास था.
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