Chitrakoot Donkey Fair: भले ही सलमान खान के खिलाफ आजकल गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के सितारे बुलंद चल रहे हैं, लेकिन एक जगह सलमान ने लॉरेंस को पछाड़ दिया है. यह काम हुआ है मध्य प्रदेश के चित्रकूट जिले में, लेकिन जरा ठहर जाइए. कहीं आप इन नामों को देखकर कंफ्यूजन में तो नहीं हैं. हम यहां बॉलीवुड स्टार्स की नहीं बल्कि गधों की खरीद-बेच की बात कर रहे हैं. दरअसल भगवान राम की वनवास स्थली चित्रकूट में दीवाले के अगले दिन गधों का मेला लगाया जाता है. यहां लोग अपने गधे बेचने के लिए उनका नाम हिंदी फिल्मों के सुपरस्टार्स या किसी अन्य चर्चित आदमी के नाम पर रखकर ग्राहकों को लुभाते हैं. इसी मेले में सलमान नाम के गधे को जहां 1 लाख रुपये से ऊपर का दाम मिल गया, वहीं लॉरेंस नाम के गधे को महंगा बताकर लोगों ने खरीदने से ही इंकार कर दिया.
500 से ज्यादा गधों की हुई है खरीद-बेच
चित्रकूट में इस बार लगे मेले में सलमान नाम के गधे को करीब 1.85 लाख रुपये की कीमत मिल गई, जबकि शाहरुख नाम के गधे पर करीब 85 हजार रुपये की बोली लगाई गई है. हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां लॉरेंस नाम वाले गधे का बेस प्राइस 1.25 लाख रुपये रखा गया था, लेकिन लोगों ने उसे महंगा बताते हुए खरीदने से इंकार कर दिया. मेले के आखिर तक भी लॉरेंस को खरीदार नहीं मिला था. मेला संचालकों ने बताया है कि इस बार 500 से ज्यादा गधों की खरीद बेच यहां पर हुई है.
बसंती के नाम पर भी लगी बोली
चित्रकूट नगर पंचायत परिषद की तरफ से आयोजित गधा मेला में कई राज्यों समेत नेपाल तक के व्यापारी अपने गधे लेकर पहुंचे हुए थे. यहां सलमान-शाहरुख के अलावा कटरीना, माधुरी, बसंती जैसे नामों वाले गधे भी मौजूद थे. रिपोर्ट के मुताबिक, बसंती नाम की गधी के लिए एक व्यापारी ने 65 हजार रुपये की बोली लगाई थी.
कैसे शुरू हुई थी इस मेले की परंपरा
भगवान राम से जुड़ी इस धरती पर गधा मेला शुरू होने की कहानी मुगलकाल से जुड़ी हुई है. मान्यता है कि यह मेला कुख्यात मुगल बादशाह औरंगजेब के शासनकाल में शुरू हुआ था. औरंगजेब ने अपनी सेना चित्रकूट को जीतने के लिए भेजी थी. मान्यता है कि औरंगजेब की सेना ने रामघाट स्थित राजाधिराज मत्तगजेंद्रनाथ के शिवलिंग को तोड़ने की कोशिश की. इसी दौरान अचानक पूरी सेना बीमार पड़ गई और सभी घोड़ों व खच्चरों की मौत हो गई. मान्यता है कि इसके बाद औरंगजेब ने यहां पहुंचकर भगवान मतगजेंद्रनाथ से माफी मांगी और उनका मंदिर बनवाया था. साथ ही अपनी सेना का साजो-सामान वापस ले जाने के लिए पहली बार यहां गधा मेला लगवाकर गधे खरीदवाए थे. इसके बाद से ही यहां दीवाली के अगले दिन गधा मेला लगना शुरू हो गया और यह परंपरा आज तक जारी है.
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यहां 'सलमान' पर 1.85 लाख तो शाहरुख पर लगी 85 हजार की बोली, कारण जानकर हंसते रह जाएंगे