Viral News in Hindi: पूरी दुनिया में गांव-देहात से शहरों में आकर बसने का ट्रेंड चल रहा है. कहीं इसका कारण रोजगार है तो कहीं कुछ और, लेकिन अधिकतर लोगों का शहर आने का मकसद आरामदेह जिंदगी पाना है. ऐसे में यदि कोई शख्स शहर की चकाचौंध से तंग आकर एक या दो साल नहीं बल्कि पूरे 32 साल तक ऐसी जगह रहा, जहां दूसरा कोई शख्स आता-जाता ही नहीं था तो आप ऐसे शख्स के लिए क्या कहेंगे? आप यदि हैरान हो रहे हैं तो ठहरिए, अभी इसमें और भी हैरानी वाली बात बाकी है. इस शख्स को जबरन निर्जन द्वीप से वापस शहर की जिंदगी में लाया गया, जहां सारे ऐशो-आराम के बीच महज तीन साल में ही उन्होंने अपनी जिंदगी त्याग दी है. हैरान करने वाली यह स्टोरी इटली की है, जहां 'रॉबिन्सन क्रूसो' के नाम से मशहूर मौरो मोरांडी नाम के शख्स का निधन हो गया है. CNN के मुताबिक, आत्मनिर्भरता की कला के एक्सपर्ट कहलाने वाले मोरांडी को करीब 32 साल बुडेली द्वीप पर अकेले बिताने के बाद वापस शहर लाया गया था. उनकी उम्र 85 साल थी.
जहाज दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण पहुंचे थे द्वीप पर
मोरांडी ने मीडिया को अपने 32 साल तक निर्जन द्वीप पर रहने का कारण एक इंटरव्यू में बताया था. बुडेली द्वीप इटली के सार्डिनिया रीजन में निर्जन द्वीप है, जो दूसरे विश्व युद्ध के दौरान शरणस्थल के तौर पर उपयोग किया गया था. मोरांडी ने बताया था कि साल 1989 में एक मिशन पर पोलिनेशिया जाने की कोशिश करते समय उनका जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इससे वे द्वीप पर पहुंचे थे. इसके बाद से ही वे इस द्वीप की देखरेख के लिए यहां रह रहे थे ताकि वे उपभोक्तावाद और समाज से दूर रह सकें.
एडवेंचर नॉवेल कैरेक्टर के नाम पर मिला था निकनेम
मोरांडी को रॉबिन्सन क्रूसो नाम मीडिया ने दिया था, जो एक अंग्रेजी एडवेंचर नॉवेल के मुख्य कैरेक्टर रॉबिन्सन क्रेतजेनर से प्रेरित था. रॉबिन्सन क्रेतजेनर जहाज के डूबने के बाद वेनेजुएला और त्रिनिदाद के तटों के पास एक निर्जन द्वीप पर 28 साल बिताता है. द्वीप पर रहने के दौरान, वह नरभक्षियों, बंदियों और विद्रोहियों का सामना करता है और आखिर में रेस्क्यू कर लिया जाता है.
32 साल तक समुद्री तट की सफाई का किया काम
बुडेली द्वीप पर 32 साल तक अकेले रहने के दौरान मोरांडी वहां समुद्री तटों पर आए कचरे को साफ करते थे. साथ ही द्वीप पर दिन में घूमने के लिए आने वाले को इकोसिस्टम के बारे में जागरूक करते रहते थे. उन्हें द्वीप पर केयरटेकर की भूमिका निभाने के बदले खाने और रोजमर्रा की जरूरतों की सप्लाई दी जाती थी. उन्होंने खुद सोलर पॉवर सिस्टम बना रखा था और घर को सामान्य तरीके से आग जलाकर गर्म रखते थे.
साल 2021 में जबरन लाया गया था वापस
The Guardian के मुताबिक, साल 2021 में मोरांडी को बुडेली से जबर निकालकर वापस उनके घर लाया गया था. यह काम मोरांडी का ला मेडालेना नेशनल पार्क के अधिकारियों के साथ लंबी बहस के बाद किया गया था. पार्क के अधिकारी द्वीप को पर्यावरणीय शिक्षा के हब के तौर पर बदलने का प्लान कर रहे थे. इसके बाद मोरांडी को जबरन रेस्क्यू करने के बाद ला मेडालेना में उनके सिंगल बेडरूम फ्लैट में पहुंचा दिया गया था. सार्डिनिया के उत्तरी तट पर स्थित सात द्वीपों के द्वीपसमूह में ला मेडालेना सबसे बड़ा द्वीप है. पिछली गर्मियों के दौरान उन्हें गिरने से चोट लगने के कारण सासारी में एक केयरहोम में कुछ समय तक रहना पड़ा था. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सप्ताह के अंत में उनका उत्तरी इटली के मॉडेना शहर में निधन हो गया है. वह मूल रूप से इसी शहर के रहने वाले थे.
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32 साल तक निर्जन द्वीप पर अकेला रहा शख्स, वापस लौटने पर 3 साल में ही हो गई मौत