सोशल मीडिया ने लोगों को जितना दूसरों से जोड़ा है उतना ही इसके जरिए लोग दूसरों की इमेज खराब करने का मौका भी नहीं छोड़ते. कई बार यहां फेक चीजों को इतना प्रचारित किया जाता है कि वह किसी शख्स के लिए परेशानी का सबब बन जाता है. कुछ ऐसा ही कनाडा के एक स्टूडेंट मेहुल प्रजापति के साथ भी हुआ.
सोशल मीडिया पर क्या किया गया दावा
सोशल मीडिया पर @Slatzism नाम के यूजर ने दावा किया गया कनाडा की एक बैंकिंग कंपनी में काम करने वाले मेहुल प्रजापति अपना पैसा बचाने के लिए चैरिटी फूड बैंक से खाना खाते हैं. सोशल मीडिया यूजर ने अपनी पोस्ट में लिखा कि यह शख्स टीडी (कनाडा) में डाटा साइंटिस्ट के पद पर काम करता है. इसकी सालाना सैलरी करीब $98,000( करीब 81 लाख रुपये) है. यह सोशल मीडिया पर अपना वीडियो अपलोड करके कैसे अपना सीना चौड़ा करके घूम रहा है कि इसने चैरिटी फूड बैंक के खाने को खाकर अपना कितना पैसा बचा लिया.
update: the food bank bandit was fired https://t.co/RFLqvVGJb1 pic.twitter.com/CDdrfrmbqI
— pagliacci the hated 🌝 (@Slatzism) April 22, 2024
आगे सोशल मीडिया यूजर ने एक मेल का स्क्रीनशॉट शेयर करके दावा किया कि जैसे ही कंपनी को अपने इंप्लॉयी की इस हरकत का पता चला, उसे वहां से नौकरी से निकाल दिया गया है. कैप्शन में आगे लिखा गया- 'फूड बैंक के लुटेरे को नौकरी से निकाल दिया है.'
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क्या है पूरी सच्चाई
हालांकि मेहुल प्रजापति से बात करने पर मामला कुछ और ही निकला. प्रजापति ने मनीकंट्रोल को दिए अपने इंटरव्यू में बताया कि सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ फैलाई जा रही नफरत में सच्चाई नहीं है. वह विल्फ्रिड लॉरियर यूनिवर्सिटी से मास्टर्स कोर्स के स्टूडेंट हैं और उनका कॉलेज LSPIRG और मार्टिन लूथर यूनिवर्सिटी कॉलेज के साथ मिलकर उन स्टूडेंट्स को ग्रोसरी बांट रहा था जो इसे खरीदना अफोर्ड नहीं कर सकते. मनीकंट्रोल के साथ इस पूरी बातचीत को मेहुल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी शेयर किया है.
उन्होंने आगे बताया कि वह सोशल मीडिया पर दावा किए जा रहे बैंक के कभी इंप्लॉयी थे ही नहीं, उन्होंने सिर्फ 17 हफ्ते यहां इंटर्न के तौर पर काम किया है, जो उनके कॉलेज के लिए जरूरी था. यह इंटर्नशिप भी दिसंबर 2023 में ही पूरी हो चुकी है.
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अब सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही नफरत से मेहुल के मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा है. उनका परिवार भारत में अहमदाबाद में रहता है और चाहकर भी उनकी कोई मदद नहीं कर पा रहा है. आगे से अगर आपको इस तरह की कोई खबरें पढ़ने को मिले तो उसपर आंख मूंदकर भरोसा करने की जगह पहले उसपर ठीक से पड़ताल कर लें क्योंकि ऐसी खबरों को आगे बढ़ाकर हम किसी इंसान के डिप्रेशन और डर का कारण बन सकते हैं.
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