डीएनए हिंदी: Madhya Pradesh News- मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के घाटों पर चैत्र अमावस्या यानी भूतड़ी अमावस्या के दिन इस साल भी जमकर लोगों की भीड़ जुटी. लोग भूत-प्रेतों से छुटकारा पाने और मोक्ष की प्राप्ति करने के लिए नर्मदा नदी में जमकर डुबकी लगाते हुए दिखाई दिए. मंगलवार को भूतड़ी अमावस्या के दौरान नर्मदा नदी के किनारे के सभी घाटों पर महिला-पुरुष सिर पर चुनरी और हाथों में तलवार व नींबू लेकर पानी के अंदर खड़े दिखाई दिए. इन लोगों ने नदी में डुबकी लगाकर पूजन किया. इस दौरान बड़वाह के नावघाट खेड़ी घाट पर एक महिला श्रद्धालु ने तलवार से अपनी जीभ काटकर भूतों को खुश करने की तांत्रिक क्रियाएं कीं.

क्यों मनाई जाती है भूतड़ी अमावस्या

दरअसल भूतड़ी अमावस्या को सबसे ज्यादा अंधकार वाली अमावस्या की रात माना गया है. शास्त्रों के मुताबिक, यह दिन भूत-प्रेतों के लिए तय किया गया है. इस दिन नदी किनारे भूत-प्रेत जमघट लगाकर मोक्ष की आस करते हैं. भूत-प्रेत को भले ही वैज्ञानिक नकारते हों, लेकिन स्कन्द पुराण में इनका जिक्र है. शास्त्रों के मुताबिक, इंसान की 84 लाख योनि में से एक प्रेत योनि भी है, जिसमें अकाल मौत वाले या जीवनभर पाप कर्म करने वाले इंसानों को जगह मिलती है. प्रेत योनि 60 साल से लेकर 200 साल तक की होती है, जिसके बाद उन्हें मोक्ष मिलता है. 

नर्मदा में स्नान से मिलती है प्रेत बाधा से मुक्ति

भूतड़ी अमावस्या ऐसी प्रेत योनि की चपेट में आए लोगों को उनसे छुटकारा दिलाती है. माना जाता है कि नर्मदा नदी में इस दिन स्नान करने पर प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है. इसी कारण भूतड़ी अमावस्या पर स्नान करने के लिए लाखों लोगों की भीड़ जुटती है.  

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bhutadi amavasya 2023 people take bath in narmada river cut tongue to getting rid of ghosts in Madhya Pradesh
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अजब अंधविश्वास: भूतड़ी अमावस्या पर नर्मदा में डुबकी लगाई, भूतों से छुटकारा पाने
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अजब विश्वास: भूतड़ी अमावस्या पर नर्मदा में डुबकी लगाई, भूतों से छुटकारा पाने को काट ली जीभ