डीएनए हिंदी: देश की सबसे बड़ी विमान सेवा प्रदाता कंपनी इंडिगो एयरलाइन (IndiGo) के सात पायलटों को वेतन से जुड़े मुद्दों पर कथित रूप से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते पाया गया. इन बातों के लिए पायलटों द्वारा इमरजेंसी फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल किया गया था.
जानकारी के अनुसार, मामले को लेकर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने जांच शुरू कर दी है. हालांकि, इंडिगो का अभी तक इस विषय पर कोई बयान नहीं आया है. पायलट '121.5 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी' पर आपत्तिजनक भाषा में गुस्सा जाहिर करते हुए पाए गए. इस फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल विमान के मुसीबत में होने पर इमरजेंसी कम्युनिकेशन के लिए होता है. वायु यातायात नियंत्रक (एटीसी) द्वारा इस फ्रीक्वेंसी की अनिवार्य रूप से निगरानी की जाती है. इस निगरानी प्रक्रिया के जरिए ही पायलटों की यह अनौपचारिक बातचीत पकड़ में आई. पायलटों की आपसी बातचीत के लिए 123.45 मेगाहर्ट्ज फ्रिक्वेंसी निर्धारित है, एटीसी इसकी निगरानी नहीं करता.
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बता दें कि घटना से कुछ दिनों पहले ही इंडिगो ने कोविड-19 महामारी के दौरान वेतन में कटौती के खिलाफ पांच अप्रैल से हड़ताल पर जाने की योजना बना रहे अपने कुछ पायलट को निलंबित कर दिया था. महामारी के चरम पर पहुंचने के दौरान एअरलाइन ने अपने पायलटों के वेतन में 30 प्रतिशत तक की कटौती की थी. इंडिगो ने एक अप्रैल को पायलटों का वेतन आठ प्रतिशत तक बढ़ाने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा था कि अगर कोई बाधा नहीं आती है तो नवंबर में वेतन में 6.5 प्रतिशत की और वृद्धि की जाएगी.
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वेतन न बढ़ने पर पायलटों ने विमान की इमरजेंसी लाइन पर दी गाली, Audio Viral