कुत्ते को इंसानों के लिए सबसे वफादार जानवरों में से एक माना जाता है. चाहे दुनिया का कोई भी कोना हो, लोग कुत्तों को पालते हुए देखे जा सकते हैं. भारत में भी हाल के वर्षों में खासतौर से शहरी क्षेत्रों में कुत्ते पालने का चलन तेजी से बढ़ा है.
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भारत में कुत्ता पालने के लिए कोई विशेष टैक्स नहीं देना पड़ता है, लेकिन कुछ ऐसे भी देश हैं जहां कुत्ता पालने पर टैक्स चुकाना पड़ता है. इन देशों में से एक प्रमुख नाम है जर्मनी. जर्मनी एक ऐसा देश है, जहां कुत्ता पालने पर टैक्स देना अनिवार्य है.
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इस टैक्स को जर्मनी की स्थानीय भाषा में "हुंडेशटॉयर" कहा जाता है. जर्मनी में कुत्ता पालने वाले नागरिकों को हर वर्ष सरकार को एक तय राशि के रूप में यह टैक्स देना होता है. यह टैक्स कुत्तों की संख्या और उनके पालन-पोषण की शर्तों के अनुसार अलग-अलग होता है.
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जर्मनी में कुत्ता पालने पर टैक्स वसूलने से सरकार को हर साल अरबों रुपये की कमाई होती है. साल 2023 में जर्मनी की सरकार ने कुत्ता पालने वालों से करीब 42.1 करोड़ यूरो की कमाई की. भारतीय मुद्रा में इसे बदला जाए तो यह राशि करीब 38 अरब रुपये से अधिक होती है.
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वहीं, साल 2022 में कुत्ता पालने से सरकार को 41.4 करोड़ यूरो का टैक्स मिला था. इसके अलावा, अगर हम पिछले दशक की बात करें तो 2013 से 2023 के बीच कुत्ता पालने पर टैक्स से होने वाली कमाई में करीब 41% की बढ़ोतरी हुई है. इस डेटा से यह साफ होता है कि कुत्ता पालने का चलन जर्मनी में तेजी से बढ़ रहा है. लोग इस पर टैक्स चुकाने के बावजूद कुत्ते पालने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
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जर्मनी में कुत्ते पालने वालों की संख्या में हर साल बढ़ती ही है. भले ही सरकार इस पर टैक्स लगाती है, लेकिन इससे कुत्ता पालने का क्रेज कम नहीं हुआ है. लोग इस टैक्स को खुशी-खुशी चुकाते हैं और अपने पालतू जानवरों के साथ खुशहाल जीवन बिताते हैं. जर्मनी में यह नियम इसलिए भी बनाया गया है ताकि लोग जिम्मेदारी से पालतू जानवर पालें और उनकी देखभाल में कोई कमी न हो.