डीएनए हिंदी: आम तौर पर मशीनों से बात करना एक सपने जैसा लगता है लेकिन आईआईटी बॉम्बे के परिसर में मौजूद केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे इस सपने को साकार होता देख रहे हैं. दरअसल, मुंबई के केंद्रीय विद्यालय में इन दिनों एक रोबोट बच्चों की क्लास लेती है. इस रोबोट का नाम शालू है और बच्चों को यह खूब पसंद आ रही है. चलिए आपको दिखाते हैं कैसे चल रही है शालू की पाठशाला-
शालू की पाठशाला! रोबोट बनी क्लास टीचर, बच्चों को ऐसे मजेदार तरीके से पढ़ाया #Robot #Viral #ViralVideo pic.twitter.com/XRVgnkq2id
— DNA Hindi (@DnaHindi) September 7, 2022
यह वीडियो आईआईटी बॉम्बे के परिसर में मौजूद केंद्रीय विद्यालय की कक्षा 9 का है. साड़ी पहनकर नौंवी कक्षा के बच्चों को पढ़ा रही शालू मैडम दरअसल कोई इंसान नही बल्कि एक रोबोट हैं. यहां जब से शालू मैडम की क्लास शुरू हुई है तब से बच्चों की पढ़ाई में रुचि पहले से ज्यादा बढ़ गई है. बच्चे बताते हैं, शालू की क्लास में वे किसी भी दूसरे टीचर से बेहतर समझ पाते हैं. शालू अक्सर उनके हर सवाल का जवाब कुछ ही सेकंड्स में दे देती हैं.
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बता दें कि शालू नाम के इस रोबोट को केंद्रीय विद्यालय के एक शिक्षक ने करीब 5 साल की मेहनत के बाद तैयार किया है. यह लोगों के पहचान सकती है, उनके नाम याद रख सकती है और जनरल सवालों के जवाब भी दे सकती है. यह देश के इतिहास और भूगोल से जुड़ी बेसिक जानकारी भी आसानी से बता देती है. सबसे शानदार बात यह है कि दुनिया के किसी भी रोबोट की तुलना में इसे बहुत ही कम खर्च में तैयार किया गया है.
इसके अलावा शालू 47 भाषाओं में पढ़ाने वाली दुनिया की पहली रोबोट है. यह हिन्दी, इंग्लिश, मराठी और भोजपुरी समेत 47 देशी और विदेशी भाषाओं में बात कर सकती है. इसमें जापानी, जर्मन और फ्रेंच भी शामिल है.
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Video: रोबोट 'शालू' बनी केंद्रीय विद्यालय की टीचर, स्टूडेंट्स बोले-इनकी क्लास में आते हैं खूब मजे