पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी से अजीबो-गरीब खबर सामने आई है. यहां त्रिपुरा से एक शेर और शेरनी को सफारी में लाया गया. शेर का नाम अकबर और शेरनी का नाम सीता रखा गया और वीएचपी को यह बात नागावार गुजरी है. इस नामकरण के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट के जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच में विश्व हिंदू परिषद की ओर से केस दर्ज किया गया है. उनका आरोप है कि सफारी पार्क में शेरनी का नाम सीता रखकर हिंदू धर्म का अपमान किया गया है. याचिका में राज्य चिड़ियाघर प्राधिकरण और बंगाल सफारी पार्क के निदेशक को पार्टी बनाया गया है. दूसरी ओर बंगाल की वन और पर्यावरण मंत्री का कहना है कि यह ओछी राजनीति है.
वीएचपी (VHP) ने शेर-शेरनी के नामकरण पर आपत्ति जताते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट के जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच में मामला दायर किया है. शेरनी का नाम सीता रखने और उसे अकबर नाम के शेर के साथ रखने को लेकर वीएचपी ने आपत्ति जताई है. याचिका में इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया गया है. इसी महीने की 12 तारीख को त्रिपुरा से शेर और शेरनी को सिलीगुड़ी स्थित बंगाल सफारी पार्क लाया गया है.
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राज्य की वन मंत्री ने कहा, अभी नहीं हुआ है नामकरण
राज्य की वन मंत्री बीरबाहा हांसदा ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद जानवरों के नामकरण पर भी राजनीति कर रहा है. अब तक शेर-शेरनी का नाम नहीं रखा गया है. हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाम रखें. हमने इसके लिए उनसे अनुरोध किया है. अभी से नामकरण पर राजनीति का कोई औचित्य नहीं है. सोशल मीडिया पर भी इस नामकरण को लेकर रिएक्शन की भरमार आ गई है.
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अकबर और सीता को साथ रखने के खिलाफ VHP पहुंचा हाई कोर्ट, जानें पूरा मामला