डीएनए हिंदी: आमतौर पर हिंदू धर्म में उल्लू को बहुत अशुभ माना जाता है. इसके बावजूद उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में दिवाली से पहले उल्लू की पूजा की जाती है. खास बात यह है कि यहां के पढ़े-लिखे और डिग्री साल के कई प्रोफेसर मिलकर यह अनोखी पूजा करते हैं. हर बार पूजा का कारण भी अलग होता है. इस बार यह पूजा इजरायल और हमास के युद्ध को लेकर की गई है. पूजा करने वाले प्रोफेसर्स ने कहा कि हमास की बुद्धि पर उल्लू बैठ गया है. इस पूजा के बाज उल्लू की तस्वीरों को नदी में प्रवाहित कर दिया गया.
इस साल उल्लू की पूजा करने वाले प्रोफेसरों का कहना है कि इजरायल पर आतंकी हमला करने वाले हमास की बुद्धि पर उल्लू बैठ गया है. हमास को सद्बुद्धि देने के लिए उल्लू पूजा का विशेष कार्यक्रम हुआ है. बताय गया है कि हर साल डिग्री कॉलेज के प्रोफेसर बाकायदा उल्लू की आरती गाते हैं और उसकी पूजा करते हैं. पृथ्वी नाम की संस्था से जुड़े प्रोफेसर हर साल उल्लू की पूजा करते हैं और उल्लू का प्रतीकात्मक तौर पर नदी में विसर्जन करते हैं.
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प्रोफेसर करते हैं उल्लुओं की पूजा
इस बार उल्लू पूजन इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को लेकर की गई है. पूजा कर रहे प्रोफेसरों का मानना है कि आतंकी संगठन हमास की बुद्धि पर उल्लू बैठ गया है, जिसने इजरायल पर हमला करके कई निर्दोष लोगों की जान ली है और कई नागरिकों को बंधक बनाया है. उल्लू पूजा के जरिए यह प्रार्थना की गई है कि ईश्वर हमास को सद्बुद्धि दे और मिडिल ईस्ट में शांति कायम हो.
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सामने आए वीडियो में देखा गया है कि उल्लू पूजन करने के बाद प्रतीकात्मक तौर पर उल्लू को नदी में विसर्जित कर दिया गया. इस दौरान उल्लू पूजन के जरिए विश्व शांति के लिए प्रार्थना भी की गई. बता दें कि हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था. उसके बाद से अभी तक इजरायल लगातार हमले कर रहा है और अपने नागरिकों को छुड़ाने में जुटा हुआ है.
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शाहजहांपुर में हुआ उल्लू पूजन, जानिए किसके लिए की गई यह पूजा