डीएनए हिंदी: भाषा, स्थानीयता पर निर्भर करती है. बोलने वाला का लहजा, उसके मदर टंग पर निर्भर करता है. कुछ शब्द कहीं सम्मानजनक होते हैं तो कुछ जगहों पर उन्हें अपमानजनक माना जाता है. देश के कुछ हिंदी भाषी राज्यों की भाषा इतनी प्यारी है कि वहां कोई आपसे नाराज होकर भी बात करेगा तो लगेगा कि सम्मान दे रहा है. वहीं कुछ जगहों पर 'खड़ी बोली' का ऐसा असर है कि कोई आप कह दे तो लगे कि लाठी मार रहा है. भाषाई विविधता के बीच देश के दो बड़े शहर भिड़ गए हैं. देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई के बीच भाषाई घमासान छिड़ गया है. वजह जानकर माथा पकड़ लेंगे.
आमतौर पर आप 'तू' किसे कहते हैं, अपने से कम उम्र के करीबी लोगों को और दोस्तों को लेकिन यही 'तू' आप किसी बड़े शख्स को कह दें तो हंगामा बरप जाता है. पर हर जगह नहीं. दिल्ली में आप, अपने से बड़े शख्स या अजनबी को आप ही कहते हैं लेकिन मुंबई में ऐसी स्थिति नहीं है. वहां एक अनजान शख्स भी आपको 'तू' बड़े आराम से बोल देगा और ऐसे रिएक्ट करेगा कि उसने गलत नहीं किया है. तो 'तू' का इस्तेमाल थोड़ा अटपटा या कठोर है क्या? आइए जानते हैं कैसे 'तू' बनाम आप को लेकर दो शहर भिड़ गए हैं.
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कैसे शुरू हुआ तू बनाम आप पर हंगामा?
@PratPanc नाम के एक ट्विटर यूजर ने अपना अनुभव शेयर किया है. उसने लिखा, 'कभी मुंबई के लोगों से हिंदी में बातचीत न करें. आप उन्हें सम्मान देंगे और वे आपसे बेझिझक 'तू' कहकर बात करेंगे. यह एक अस्वीकार्य व्यवहार है.'
इस ट्वीट के बाद से ही ट्विटर पर एक नई बहर छिड़ गई है. लोग मुंबई और दिल्ली की संस्कृति के बारे में बात करने लगे हैं. अब यह दिल्ली बनाम मुंबई की लड़ाई हो गई है. मुंबई में सबको 'तू' कहने का रिवाज है तो दिल्ली में आप कहने का.
Never engage with Bombay people in Hindi.
— PratPanc (@PratPanc) February 5, 2023
You could be complete strangers and they’ll still feel free to address you with a ‘Tu’.
Unacceptable behaviour.
'तू'-आप पर क्या कहते हैं हिंदी के नियम कानून?
आप शब्द का इस्तेमाल औपचारिक बातचीत के लिए होता है. यह सम्मानजनक शब्द है. जिन्हें हम नहीं जानते, जो बड़े हैं, उनके लिए आप का इस्तेमाल होता है. कई बार हमउम्र लोगों और दोस्तों के लिए तुम का भी इस्तेमाल होता है. 'तू' शब्द का इस्तेमाल तब होता है जब सामने कोई उम्र में छोटा, बेहद करीबी, दोस्त या कोई अपना होता है. तब बड़े 'तू' का इस्तेमाल सहजता से कर लेते हैं. कई हिस्सों में 'तू' को खराब माना जाता है. लोग इस शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते हैं. 'तू' अनौपचारिक भाषा है, जिसका इस्तेमाल लिखित तौर पर तो और भी कम होता है. लोग 'तू' कहने पर आहत हो जाते हैं.
Complains about Mumbai hindi being rude for using TU instead of AAP when in reality it isn't rude at all. Refuses to understand. Then goes on to be actually rude by bringing up follower count?? 🤔 pic.twitter.com/gmtozfQWzZ
— Husbanding (@tapanwaval) February 6, 2023
क्यों ट्विटर पर छिड़ी है आप बनाम 'तू' की जंग?
आप बनाम 'तू' की जंग पर लोग जमकर चुटकी ले रहे हैं. मराठी संस्कृति में 'तू' शब्द अनौपचारिक और अपमानजनक शब्द नहीं माना जाता है. मुंबई के कई निवासियों का यह कहना है कि @PratPanc नाम के इस यूजर ने भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को बिना पहचाने ही 'तू' को असभ्य बता दिया. यह स्थानीयता के हिसाब से असभ्य किसी भी ओर से नहीं है.
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Bunkum. My son calls me ‘tu’ like many in this generation. In Marathi, ‘tu’ is used for love, not disrespect. We even call our Gods ‘tu’. Learn to understand the nuances of different cultures before exposing your ignorance. https://t.co/VVxsWXe7Ne
— Kaushal S Inamdar| कौशल इनामदार (@ksinamdar) February 7, 2023
संगीत संगीतकार कौशल इनामदार बहस में खुद उतर पड़े और कहा कि मराठी में 'तू' का इस्तेमाल प्यार भरे लहजे में होता है. हम अपने देवताओं को भी 'तू' कहते हैं.
north indians when atif aslam sings tu jaane na instead of aap jaane na pic.twitter.com/PEzJAL6O0c
— gordon (@gordonramashray) February 7, 2023
कई यूजर्स ने लिखा कि तू कहीं से भी अपमानजनक नहीं है बल्कि यह ज्यादा प्यार और अपनापन दिखाता है. एक यूजर ने लिखा कि दिल्ली की एक लड़की मुंबई पढ़ने आई. उसने कहा कि मुझे तू न कहो, आप कहो. उसकी दोस्ती ठीक से नहीं हो पाई.
There's a railway station in Andhra Pradesh called Tadipatri.
— Parth MN (@parthpunter) February 8, 2023
It's station code is TU, which, I think should immediately be changed to Aap.
क्या है इस बहस का अंत?
बोली पर स्थानीयता का असर होता है. एक शब्द कहीं औपचारिक हो सकता है, कहीं अनौपचारिक. यह उस व्यक्ति पर निर्भर करता है कि उसे किस लहजे में ले रहा है. अगर कोई बुरा मान रहा है तो औपचारिक भाषा का इस्तेमल करना चाहिए. अगर किसी को आप कहलवाने में खुशी मिल रही है तो इसमें हर्ज क्या है.
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