डीएनए हिंदी: दुनियाभर में वीक ऑफ यानी हफ्ते की छुट्टियों की खूब चर्चा होती है. कहीं हफ्ते में पांच दिन तो कहीं 6 दिन काम करना होता है. भारत में तो अब हफ्ते में चार दिन के काम की चर्चा भी शुरू हो चुकी है. इंसानों को तो ये सारे हक मिलते हैं लेकिन जानवरों को इस तरह के आराम नहीं मिल पाते है. फिर भी भारत में ही एक ऐसी जगह है जो आपके इस विश्वास को तोड़ देगी. दरअसल, यहां पर जानवरों को हफ्ते में एक दिन की छुट्टी दी जाती है. उस दिन उनसे कोई काम नहीं लिया जाता है. यह ज्यादातर उन पालतू जानवरों पर लागू होता है जिनका इस्तेमाल खेती या अन्य कामों में होता है.
यह परंपरा झारखंड के लातेहार में चल रही है. लोगों का मानना है कि यहां के गाय, भैंस और बैल जैसे अन्य जानवर भी लोगों की तरह ही काम करते हैं और किसानों और अन्य परिवारों की आय बढ़ाने में मदद करते हैं. यही वजह है कि हफ्ते में एक दिन आम लोगों की तरह ही इन जानवरों को भी छुट्टी दी जाती है और इस दिन उनसे कोई काम नहीं करवाया जाता है. यह परंपरा लातेहार गांव के अलावा हरखा, मुंगर, लालगड़ी और पकरार में भी अपनाई जाती है.
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कैसे शुरू हुई परंपरा
कहा जाता है कि कई दशक पहले खेत में काम करते समय यहां के एक बैल की मौत हो गई थी. इसी के बाद से गांव वालों ने फैसला लिया कि अब से जानवरों को भी एक दिन का आराम दिया जाएगा. तब से ही यह परंपरा जारी है और जानवरों को हफ्ते में एक दिन की छुट्टी दी जाती है.
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यह परंपरा इंसानों और जानवरों के सहजीवन के लिए न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है जो दिखाती है कि हर प्राणी को समान अधिकार मिलना चाहिए.
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यहां के जानवर भी मनाते हैं वीकेंड, हफ्ते में एक दिन मिलती है छुट्टी